कोरापुट, उड़ीसा/नगर संवाददाताः कोरापुट में बुधवार को विस्फोट के समय सभी जवान निहत्थे थे। वे प्रशिक्षण के लिए अनुगुल जा रहे थे। आमने-सामने की मुठभेड़ के बजाय नक्सलियों ने छिपकर उनको निशाना बनाया। गुरुवार को कोरापुट परेड ग्राउंड में शहीदों को 21 तोपों से से सलामी दी गई। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने घटना की घोर निंदा की है। बुधवार को मौके से सात जवानों के शव बरामद कर लिए गए थे, जबकि लापता जवान तुलसी राम माझी का शव गुरुवार को बरामद किया गया। विस्फोट में घायल पांच जवानों को विशाखापट्टनम अस्पताल में भर्ती किया गया है। पुलिस महानिदेशक केवी ¨सह ने कहा है कि घटना की अभी तक किसी ने जिम्मेदारी नहीं ली है, मगर प्राथमिक जांच के बाद यह माओवादियों की हरकत लग रही है। इसी आधार पुलिस जांच कर रही है। कोरापुट के एसपी चरण सिंह मीणा ने बताया कि यह प्रेशर बम विस्फोट नहीं था क्योंकि विस्फोट के पहले दर्जनों वाहन रोड से गुजर चुके थे। कुछ मिनट पहले ही ओडिशा के उर्जा मंत्री प्रणव प्रकाश दास सड़क से गुजरे थे। नक्सलियों ने जवानों के वाहन को निशाना बनाकर शाम करीब साढे़ पांच बजे विस्फोट किया। वहां लगभग 40 सशस्त्र माओवादियों की मौजूदगी थी। विस्फोट इतना जबरदस्त था कि एनएच पर करीब पांच फीट गहरा गढ्ड़ा बन गया और 709 वाहन के परखच्चे उड़ गए। वो 60 फीट नीचे घाटी में जा गिरा। विस्फोट में पूरी सड़क उखड़ गई है। नक्सलियों की इस वारदात को हाल में ही ओडिशा व आंध्र सीमा में 30 सुरक्षा बलों द्वारा 30 नक्सलियों के एनकाउंटर की जवाबी कार्यवाही के रूप में देखा जा रहा है। ब्लॉस्ट से ओडिशा में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव पर भी नक्सली दहशत का साया गहरा गया है। नक्सलियों ने ओडिशा के मलकानगिरी तथा कोरापुट जिले में पंचायत चुनाव बहिष्कार का फरमान जारी किया है जिसकी वजह से पोटांगी क्षेत्र में पंचायत चुनाव के लिए एक भी नामांकन दाखिल नहीं हो सका है। गौरतलब है कि सुनकी घाटी नक्सलियों के प्रभाव वाला एरिया है। अगस्त 2013 में पोटांगी के पास ही नक्सलियों के विस्फोट में बीएसएफ के चार जवान शहीद हुए थे। सोमनाथ शीशा (कोरापुट), अरुण नायक (ढेंकानाल), संजय कुमार दास (केन्दुझर) गणेश प्रसाद शाहा (केन्दुझर), प्रदीप्त कुमार राउत (निआली, कटक), हरेकृष्ण पृष्टि तथा तुलसी राम।