गाजीपुर, उत्तरप्रदेश/नगर संवाददाताः पांच सौ तथा एक हजार रुपए के नोट बंद होने के बाद मिठाई विक्रेता के जनधन खाते में जमा किए गए 27 लाख रुपये जब्त कर खाता सीज कर दिया गया है। दरअसल आयकर विभाग की जांच टीम को खाताधारक से संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो उसने यह सख्त कदम उठाया। आयकर विभाग की टीम ने कल भी मिठाई विक्रेता से पहले दुकान में फिर बैंक में दोबारा पूछताछ की। अंतत: स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी। इस कार्रवाई से क्षेत्र के जनधन खाताधारकों में खलबली मची हुई है। गाजीपुर के गोंसाईपुरा मुहल्ले के रहने वाले जयप्रकाश का रौजा के यूबीआइ की शाखा में जनधन खाता है। उसने यहां मिठाई की दुकान खोल रखी है। आयकर महकमे को बीते सप्ताह पता चला कि मिठाई विक्रेता के खाते में 27 लाख रुपये पहुंचे हैं तो जांच टीम जिले में आ धमकी। पूछताछ में जयप्रकाश ने तब बताया था कि रुपये उनकी मां देवंती देवी ने जमीन बेच कर दिए हैं। जब टीम ने उनसे जमीन क्रेता का ब्योरा मांगा तो वह विरोधाभासी बातें करने लगा। इस दौरान उससे कई चक्रों में पूछताछ हुई। अब जब उससे कड़ाई से पूछताछ की गई तो वह अपनी बात से मुकर गया। कहा कि खाते में जमा रकम उसकी नहीं है। नोटबंदी के बाद जिले में जनधन खाते में बड़ी धनराशि जमा हुई है। इन पर न सिर्फ आयकर विभाग की नजर है बल्कि बैंककर्मी भी उसकी रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। संदिग्ध धनराशि और खातों का विवरण बैंक प्रबंधन लगातार आयकर विभाग को भेज रहा है। नोट की हेराफेरी को लेकर बैंक कर्मियों पर भी नजर रखी जा रही है। अपर निदेशक (जांच), आयकर अभय ठाकुर ने बताया कि 50 हजार से ज्यादा जमा राशि वालों के जनधन खाते की पड़ताल हो रही है। गाजीपुर में एक हलवाई के जनधन खाते में प्रतिमाह एलपीजी गैस की सब्सिडी का पैसा ही जमा होता था। लेकिन नोटबंदी के बाद 11 नवंबर को उसके खाते में 27 लाख रुपये जमा हो गए थे। उसका खाता सीज कर जांच जारी है।