लखनऊ, युपी/अनिल कुमारः बुंदेलखंड में सूखे और आर्थिक तंगी से परेशान एक और किसान ने मौत को गले लगा लिया। खस्ताहाली का आलम यह था कि घर में एक अन्न का दाना नहीं था और पांच बच्चे तीन दिनों से भूखे थे। बच्चों को भूखा देख कर्ज तले दबे किसान ने आखिरकार फांसी लगाकर जान दे दी। सूचना पर पहुंचे डीएम ने मदद के निर्देश दिए हैं। बांदा के बदौसा इलाके के रहने वाला 33 साल का बबली यादव किसान था जिसनें गुरुवार को घर के आंगन में फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली। मृतक की पत्नी सुनीता ने बताया कि बबली के पास जमीन नहीं थी। उसने किराए पर दो बीघा खेत लिया था। उसने कई लोगों से कर्ज लेकर फसल बोई थी। लेकिन साल भर की मेहनत के बाद कुल आठ मन गेंहू पैदा हुआ। इसमें एक मन गेहूं कटाई करने वाले मजदूर और सात मन खेत मालिक ने ले लिया था। इसी से परेशान होकर उसने आत्महत्या कर ली । वहीं, इस मामले में डीएम बांदा योगेश कुमार ने मृतक परिवार को सभी योजनाओं के तहत मदद करने के निर्देश दिए हैं।आपको बताते चलें कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव लगातार अखबारों में इस बात का विज्ञापन जारी कर रहे हैं कि बुंदेलखंड के हर परिवार को समाजवादी राहत योजना के तहत खाद्यान्न वितरित किया जा रहा है। तो फिर इस परिवार को खाद्यान्न क्यों नहीं दिया