कुशीनगर, नगर संवाददाता: उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में सरकारी विभाग भी जीएसटी के दायरे में आ गए हैं, लेकिन उसकी अदायगी नहीं की जा रही है। जबकि ढाई लाख रुपये से अधिक की आपूर्ति लेने वाले समस्त विभागों के लिए जीएसटी में पंजीकरण कराना अनिवार्य है। जीएसटी लागू होने के बाद से जनपद में अब तक 45 अधिष्ठानों ने ही जीएसटी ली है। जीएसटी में पंजीकरण न कराने वाले विभागों और कार्यदायी संस्थाओं के खिलाफ वाणिज्य कर विभाग 20 हजार रुपये तक के अर्थदंड की नोटिस भेजने की तैयारी कर रहा है।
निजी संस्थानों की भांति सरकारी विभागों में भी जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) में पंजीकरण कराना अनिवार्य है। जिले के समस्त सरकारी विभागों के आहरण-वितरण अधिकारियों को वेबसाइट पर अपना जीएसटी पंजीकरण कराना है। ढाई लाख रुपये तक की आपूर्ति पर टीडीएस की कटौती कर भुगतान करना होता है। इसके लिए विभागों को पैनकार्ड आहरण-वितरण अधिकारी के पदनाम से बनवाना होता है।
वाणिज्य कर विभाग के मुताबिक जनपद के समस्त आहरण-वितरण अधिकारी, बीडीओ, नगरपालिका, नगर पंचायत, ग्राम पंचायत, पीडब्ल्यूडी, कार्यदायी संस्थाएं और अन्य विभागों को जीएसटी नंबर लेना अनिवार्य है, लेकिन जीएसटी लागू होने से लेकर अब तक सिर्फ 45 अधिष्ठानों ने पंजीकरण कराया है। जबकि जिले में 1620 ग्राम पंचायतें, 14 ब्लॉक सहित नगरपालिका एवं नगर पंचायतें और अन्य सरकारी विभाग हैं। विभाग की वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट जीएसटी डॉट जीओवी डॉट इन पर ऑनलाइन पंजीकरण किया जा सकता है।
‘45 अधिष्ठानों ने ही पंजीकरण कराया’
असिस्टेंट कमिश्नर वाणिज्य कर डॉ. सुनील कुमार ने बताया कि जीएसटी में सरकारी विभागों का पंजीकरण कराना अनिवार्य है। जीएसटी लागू होने के बाद से 45 अधिष्ठानों ने ही पंजीकरण कराया है, जबकि अब भी बहुत से विभाग और कार्यदायी संस्थाएं बाकी हैं। यदि अन्य विभाग समय से पंजीकरण नहीं कराते हैं तो उन्हें अर्थदंड के लिए नोटिस जारी की जाएगी। जीएसटी में पंजीकरण न कराने वाले विभागों पर 20 हजार रुपये तक का अर्थदंड लगाने का प्रावधान है।