महासागरों तक पहुंच पारंपरिक, गैरपारंपरिक खतरों से मुक्त होनी चाहिएः उप राष्ट्रपति

नई दिल्ली, नगर संवाददाता: उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने समुद्री सुरक्षा की जरूरत पर जोर देते हुए शुक्रवार को कहा कि महासागर समृद्धि के मार्ग हैं और यह जरूरी है कि समुद्र तक पारंपरिक एवं गैरपारंपरिक खतरों से मुक्त एवं निर्बाध पहुंच बनी रहे। उन्होंने यह भी कहा कि कोविड-19 महामारी ने मौजूदा वैश्विक व्यवस्था की कई खामियों को सामने ला दिया है, खासकर स्वास्थ्य प्रणाली और आपूर्ति श्रृंखला से जुड़ी कमियों को उजागर किया है। नायडू ने इन कमियों को दूर करने के लिए बहुपक्षीय एवं सहयोगात्मक रुख अपनाने का आह्वान किया। वह ‘एशिया-यूरोप मीटिंग (आसेम)’ शिखर बैठक को संबोधित कर रहे थे। उप राष्ट्रपति सचिवालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, नायडू ने कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में भारत के योगदान का उल्लेख किया और कहा कि दुनिया की इतनी बड़ी आबादी में संक्रमण के प्रसार को रोककर भारत ने विश्व को सुरक्षित बनाने में योगदान दिया है। नायडू ने देश में टीकों को 100 करोड़ से अधिक खुराक दिए जाने की उपलब्धि का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भारत टीकों का फिर से निर्यात आरंभ करने की प्रक्रिया में है। उन्होंने समुद्री सुरक्षा की जरूरत पर बल दिया और कहा कि समुद्री क्षेत्रों से ऐसी पहुंच बनी रहनी चाहिए जो पारंपरिक और गैरपारंपरिक खतरों से मुक्त हो।

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