नई दिल्ली, नगर संवाददाता: दिल्ली मेट्रो ने सोमवार को स्वदेशी ‘रोलिंग स्टॉक चालक प्रशिक्षण प्रणाली’ (आरएसडीटीएस) के पहले ‘प्रोटोटाइप’ की शुरुआत की जो नेटवर्क के संचालन में शामिल प्रौद्योगिकियों के स्वदेशीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) ने भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) के साथ मिलकर एक ‘सुपर सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डेटा एक्विजिशन (एससीएडीए) सिस्टम’ के कामकाज का भी प्रदर्शन किया, जिसे उपकरण और संपत्ति के लिए एक निगरानी प्रणाली के रूप में विकसित किया जा रहा है ताकि रखरखाव को युक्तिसंगत बनाया जा सके।
डीएमआरसी ने कहा कि भारत सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत दिल्ली मेट्रो और बीईएल ने पिछले साल सितंबर में आरएसडीटीएस विकसित करने के उद्देश्य से एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे जो मेट्रो और रेलवे ट्रेनों के चालकों के प्रशिक्षण के लिए उपयोगी होगा। इसने कहा कि इस प्रणाली का उपयोग किसी कार्यरत ट्रेन ऑपरेटर के परिचालन कौशल के मूल्यांकन के लिए भी किया जाएगा, जो समय-समय पर सुरक्षा कारणों से किया जाता है।
दिल्ली मेट्रो ने कहा कि यह स्वदेशी रूप से विकसित पहला सार्वभौमिक ‘ट्रेन ड्राइविंग सिमुलेटर’ होगा जिसे किसी भी मेट्रो प्रणाली या रेलवे के लिए उपयुक्त रूप से संशोधित किया जा सकता है।
अधिकारियों ने कहा कि अब तक, इस उत्पाद को डीएमआरसी द्वारा विदेशी मूल के उपकरण निर्माताओं (ओईएम) से उच्च लागत पर आयात किया जा रहा था।
डीएमआरसी ने एक बयान में कहा, ‘‘प्रशिक्षण प्रणाली में आज उपलब्ध सुविधाओं की तुलना में बहुत बेहतर विशेषताएं होंगी। यह भविष्य की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उपयुक्त होगा। इस उत्पाद की अन्य मेट्रो और रेलवे में उपयोगिता होगी।’’
अधिकारियों ने कहा कि डीएमआरसी की सभी रखरखाव जरूरतों के लिए डिजिटल होने की एक महत्वाकांक्षी योजना भी है और इस संबंध में ‘सुपर-एससीएडीए’ प्रणाली पर कार्य एक महत्वपूर्ण कदम है।