नई दिल्ली, नगर संवाददाता: राजधानी में एयर पॉल्यूशन से स्थिति अब भी खराब है। लोगों का सांस लेना मुश्किल है। इसे देखते हुए दिल्ली सरकार ने अहम फैसला लिया है। उसने अभी स्कूल और कॉलेजों को बंद ही रखने का निर्णय लिया है। ये अगले आदेश तक नहीं खुलेंगे। कंस्ट्रक्शन गतिविधियों पर पाबंदी की अवधि भी बढ़ा दी गई है। इस पर अगले रविवार तक रोक रहेगी। पॉल्यूशन कंट्रोल के उपायों के तहत ये कदम उठाए गए हैं।ऐक्शन में दिल्ली सरकार
दिल्ली के ने इस संबंध में बुधवार को कई अहम ऐलान किए हैं। गोपाल राय ने कहा है कि राजधानी में 21 नवंबर तक कंस्ट्रक्शन और डिमॉलिशन के काम पर रोक होगी। इस तारीख तक सभी सरकारी विभागों में कर्मचारी घर से ही काम करेंगे। किसी भी सरकारी कर्मचारी को दफ्तर नहीं आना है। इसके साथ ही राय ने यह भी कहा कि अगले आदेश तक स्कूल, कॉलेज, संस्थान, ट्रेनिंग सेंटर और लाइब्रेरी अगले आदेश तक बंद रहेंगे।पर्यावरण मंत्री ने बताया कि दिल्ली में अभी 372 वॉटर स्प्रिंकलिंग टैंक ऑपरेट कर रहे हैं। पानी का अधिक छिड़काव सुनिश्चित करने के लिए 13 हॉटस्पॉट पर फायर ब्रिगेड की वॉटर मशीनें लगाई जाएंगी। इंडस्ट्रीज में केवल गैस के इस्तेमाल की अनुमति होगी। प्रदूषित ईंधन का उपयोग करते पाए जाने पर कार्रवाई होगी।
राय ने बताया कि ट्रैफिक जाम की निगरानी के लिए ट्रैफिक पुलिस की एक विशेष टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा। इसका मकसद ट्रैफिक को सुचारु बनाना और वाहनों की भीड़ के कारण होने वाले प्रदूषण को रोकना होगा।
सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई
उधर, दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई। शीर्ष न्यायालय ने प्रदूषण नियंत्रण को लेकर केंद्र के साथ ही संबंधित राज्यों के रुख पर नाराजगी जताई। कोर्ट ने कहा कि पॉल्यूशन कंट्रोल करने को लेकर सिर्फ बैठक हो रही हैए ठोस उपाय नहीं हो रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को केंद्र और राज्य सरकारों ने हलफनामा जमा किया। अदालत ने इस मामले में सुनवाई की अगली तारीख 24 नवंबर मुकर्रर की है। इसके पहले सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब सरकार की तरफ से अपनी.अपनी बात रखी गई।
क्या है केंद्र का प्लान?
सुप्रीम कोर्ट मे सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों को घर से काम करने के लिए कहने पर अनिच्छा जताई है। केंद्र ने कहा कि उसने अपने कर्मचारियों को आने.जाने के लिए कारपूलिंग की सलाह दी है। इससे उनकी तरफ से उपयोग किए जाने वाले वाहनों की संख्या में कमी आएगी।
सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि आयोग ने सभी एनसीआर के राज्यों को सभी स्कूलों, कॉलेजों और शैक्षणिक संस्थानों को अगले आदेश तक बंद करने का आदेश दिया है। इस दौरान ऑनलाइन मोड के माध्यम से कक्षाएं आयोजित करने का निर्देश दिया।
सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि इमरजेंसी मीटिंग में मौसम वैज्ञानिक भी थे। उन्होंने कहा कि मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार 21 नवंबर के बाद हवा का प्रवाह होगा। उन्होंने कहा कि क्या यह अदालत कठोर उपायों को लागू करने से पहले 21 नवंबर तक प्रतीक्षा करने पर विचार नहीं करेगी।
दिल्ली ने कोर्ट में क्या कहा है?
दिल्ली सरकार ने बताया है कि केंद्र की तरफ से हलफनामे में जो भी कहा गया है उसमें से 90 फीसदी चीजों को लागू किया जा रहा है। जस्टिस चंद्रचूड़ की तरफ से सीएनजी बसों की संख्या बढ़ाने के सवाल दिल्ली सरकार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हमारे पास पर्याप्त बसें हैं। हम मेट्रो और बसों की फ्रीक्वेंसी बढ़ा सकते हैं। सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि कृपया घर से काम करने का आदेश दें या आसपास के वाहनों पर भी प्रतिबंध लगाएं।