आपने नारे लगाये, अदालत कक्ष का दरवाजा बंद कर दियाःन्यायालय ने बार एसोसिएशन को लगाई फटकार

नई दिल्ली, नगर संवाददाता: उच्चतम न्यायालय ने एक कारण बताओ नोटिस पर जवाब दाखिल नहीं करने को लेकर मंगलवार को राजस्थान हाई कोर्ट बार एसोसिएशन को फटकार लगाई।
न्यायालय ने नोटिस में कहा था कि नारे लगाने और अदालत कक्ष का दरवाजा बंद करने को लेकर बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों के खिलाफ अवमानना कार्यवाही क्यों न की जाए।
न्यायमूर्ति एम आर शाह की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने कहा कि यह भी बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज की तारीख तक कोई जवाब दाखिल नहीं किया गया है, जबकि अवमानना करने में कथित तौर पर संलिप्त बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों को काफी पहले नोटिस जारी किया गया था और पहले भी उनके आग्रह पर विषय को स्थगित किया गया था।
शीर्ष न्यायालय ने कहा कि राजस्थान उच्च न्यायालय, जोधपुर पीठ के रजिस्ट्रार जनरल द्वारा दाखिल रिपोर्ट की सामग्री स्तब्ध कर देने वाली है।
पीठ ने कहा, ‘‘बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने लिखित में कोई जवाब नहीं दिया। प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि बार एसोसिएशन ने विषय को बहुत गंभीरता से नहीं लिया। फिर भी, हम उन्हें एक मौका देते हैं। ‘‘पीठ में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना भी शामिल हैं।
रजिस्ट्रार जनरल ने अपनी रिपोर्ट में पीठ से कहा कि बार एसोसिएशन के पदाधिकारी और अन्य वकील न्यायमूर्ति सतीश कुमार शर्मा की अदालत के बाहर एकत्र थे और उन्होंने साथी वकीलों से अदालत कक्ष से बाहर आने को कहा।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘न्यायमूर्ति शर्मा के अदालत कक्ष के बाहर वकीलों के नारेबाजी करने की सूचना मिलने पर रजिस्ट्रार जनरल (प्रशासन) फौरन अदालत कक्ष की ओर गये और पाया कि वकीलों ने अदालत कक्ष का दरवाजा बंद कर दिया है तथा वे किसी को भी अदालत कक्ष में प्रवेश नहीं करने दे रहे हैं। ‘‘
इसमें कहा गया है, ‘‘हालाकि, वह किसी तरह से अदालत कक्ष में प्रवेश कर गये और पाया कि न्यायमूर्ति सतीश कुमार शर्मा अदालत कक्ष में बैठे हुए हैं लेकिन वहां कोई वकील नहीं है। ‘‘
इस विषय को बुधवार के लिए सूचीबद्ध किया गया है।
शीर्ष न्यायालय 27 सितंबर 2021 को राजस्थान उच्च न्यायालय के वकीलों के हड़ताल पर जाने के मामले की सुनवाई कर रहा है।

 

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