नई आबकारी नीति: शादियों में शराब परोसने के लिए बार-बार नहीं लेना होगा लाइसेंस

नई दिल्ली, नगर संवाददाता: शादियों समेत अन्य पार्टी में शराब परोसने के लिए अब आबकारी विभाग से बार-बार लाइसेंस लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसमें मोटल्स, बैंक्वेट हॉल, फार्म हाउस समेत अन्य सभी पार्टी आयोजित होने वाली जगहों के लिए यह रियायत दी गई है। अभी ऐसी पार्टी जिसमें शराब परोसी जाती है उसके लिए पी-10 श्रेणी में हर बार लाइसेंस लेना होता था। अब एल-38 लाइसेंस के तहत एक बार ही लाइसेंस लेने के बाद सालभर शराब परोस सकेंगे।

बीते मंगलवार को आबकारी विभाग की ओर से पी-10 लाइसेंस की अनिवार्यता को खत्म करने वाला आदेश जारी कर दिया गया था। हालांकि, आदेश में साफ कहा गया है कि पी-10 लाइसेंस की जरूरत तो नहीं पड़ेगी, मगर अगर किसी भी तरह की पार्टी के आयोजन में शराब परोसी जानी है तो वहां होने वाली भीड़ की संख्या व शराब की खरीद की जानकारी आबकारी विभाग को देनी होगी। यह शराब आबकारी विभाग की ओर से तय दुकानों से ही खरीदनी होगी।

सरकार ने बार-बार लिए जाने वाले लाइसेंस पी-10 की अनिवार्यता तो खत्म कर दी है मगर एल-38 लाइसेंस के लिए सालाना लाइसेंस शुल्क भी महंगा कर दिया है। पहले पार्टी की श्रेणी के अंदर 5000 से लेकर 50 हजार तक का शुल्क पी-10 लाइसेंस के लिए देना पड़ता था। यानि व्यक्तिगत पार्टी में 5000 रुपये तो फार्महाउस में पार्टी के लिए 15 हजार रुपये और मोटल्स व अन्य में 50 हजार तक की फीस ली जाती थी।

आबकारी विभाग ने एल-38 लाइसेंस में पार्टी वाली जगह यानि फार्म हाउस, बैंक्वेट हॉल, मोटल्स में मौजद जगह के हिसाब से शुल्क देना होगा। यह 5 लाख से लेकर 15 लाख रुपये तक रखा गया है। हालांकि, यह शुल्क किसी भी आयोजन में प्रयोग होने वाली जगह यानि कारपेट एरिया को ध्यान में रखकर ही लिया जाएगा।

आबकारी विभाग ने अपने आदेश में साफ कहा है कि जिस परिसर में एल-38 लाइसेंस लिया होगा वहां पर किसी शहीद, स्वतंत्रता सेनानी, राष्ट्रीय नेता से संबंधित फोटो नहीं लगेगी। उनसे जुड़े किसी भी तरह की प्रदर्शनी का आयोजन भी नहीं कर पाएंगे। हालांकि, इस तरह के आयोजन लाइसेंस परिसर में मनोरंजन के लिए डीजे, लाइव बैंड परफॉरमेंस की मंजूरी मिलेगी।

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