नई दिल्ली, नगर संवाददाता: दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को दिल्ली के अकुशल, अर्ध कुशल और अन्य श्रमिकों का महंगाई भत्ता बढ़ाने का आदेश जारी किया है। साथ ही उपमुख्यमंत्री ने सभी श्रमिकों और कर्मचारियों को बढ़ी हुई दर के साथ भुगतान सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया है। वृद्धि के बाद, अकुशल श्रमिकों का मासिक वेतन रुपए 15,908 से बढ़कर हुए रुपए 16064, अर्ध-कुशल श्रमिकों का मासिक वेतन भी रुपए 17,537 से बढ़कर रुपए 17,693 हो गई है।
महंगाई भत्ते के तहत अकुशल मजदूरों के मासिक वेतन को 15908 रुपये से बढ़ाकर 16064 रुपये, अर्ध कुशल श्रमिकों के मासिक वेतन को 17537 रुपये बढ़ाकर 17693 रुपये कुशल श्रमिकों के मासिक वेतन को 19291 रुपये से बढ़ाकर 19473 रुपये किया गया है। इसके अलावा सुपरवाइजर और लिपिक वर्ग के कर्मचारियों की न्यूनतम मजदूरी की दर बढ़ाई गई है। इनमें गैर मैट्रिक कर्मचारियों का मासिक वेतन 17537 से बढ़ाकर 17693 रुपये, मैट्रिक लेकिन गैर स्नातक कर्मचारियों का मासिक वेतन 19291 से बढ़ाकर 19473 रुपये तथा स्नातक और इससे अधिक शैक्षणिक योग्यता वाले मजदूरों का मासिक वेतन 20976 से बढ़ाकर 21184 रुपये कर दिया गया है।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि गरीब और मजदूर वर्ग के हितों को ध्यान में रखते हुए कोरोना महामारी के दौरान यह बड़ा कदम उठाया गया है। इसका लाभ लिपिक और सुपरवाइजर वर्ग के कर्मचारियों को भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि असंगठित क्षेत्र के ऐसे श्रमिकों को महंगाई भत्ते पर रोक नहीं लगाई जा सकती है, जिन्हें सामान्यतः केवल न्यूनतम मजदूरी मिलती है। इसलिए दिल्ली सरकार ने महंगाई भत्ते जोड़कर नया न्यूनतम वेतन की घोषणा की है।
उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने कहा कि हालांकि हम सरकार के कई खर्चों में कटौती कर रहे है लेकिन मजदूर भाईयों के हित का ध्यान रखते हुए हमने उनका महंगाई भत्ता बढ़ाने का निर्णय लिया है। देश में महंगाई और वस्तुओं की आसमान छूती कीमतों के कारण आज समाज का हर वर्ग आर्थिक रुप से भी प्रभावित हुआ है। अनाज, दाल और तेल जैसी रोजाना के उपभोग की वस्तुएं भी महंगी हो गई हैं। मैं उम्मीद करता हूं कि इस बढ़ोतरी से मजदूर भाईयों को सहायता मिलेगी। उपमुख्यमंत्री ने साझा किया कि दिल्ली में मजदूरों को मिलने वाला न्यूनतम वेतन देश के अन्य किसी भी राज्य की तुलना में सबसे अधिक है। यह एक साल में दूसरी बार है जब दिल्ली सरकार ने स्वास्थ्य संकट के बीच श्रमिकों के लिए महंगाई भत्ते में वृद्धि की है।