नई दिल्ली, नगर संवाददाता: भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) ने 2021 में ‘इंडियन पैनोरमा’ खंड में दिखाई जाने वाली फिल्मों की घोषणा कर दी है और इसमें फिर से क्षेत्रीय भाषाओं की फिल्मों का प्रभुत्व है।
नौ दिन चलने वाला महोत्सव 20-28 नवंबर तक आयोजित किया जाएगा जिसमें ऑनलाइन और ऑफ लाइन भाग लिया जा सकता है। एक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, आयोजकों ने ‘इंडियन पैनोरमा’ खंड में प्रदर्शन के लिए 25 फीचर फिल्मों और 20 गैर फीचर फिल्मों का चयन किया है।
जाने-माने फिल्मकार और अभिनेता एसवी राजेंद्र सिंह ने बाबू उस जूरी की अगुवाई की जिन्होंने 221 समायिक भारतीय फिल्मों में से फीचर श्रेणी के लिए 25 फिल्मों का चयन किया है।
फिल्मकार एमी बरुआ की दिमासा भाषा की फिल्म ‘सेमखोर’ फीचर श्रेणी में प्रदर्शित की जानेवाली पहली फिल्म होगी। 2022 के अकादमी पुरस्कारों के लिए भारतीय प्रविष्टि तमिल फिल्म ‘कूझांगल’ भी इस श्रेणी में दिखाई जाएगी। इस श्रेणी में अधिकतर मराठी और बंगाली फिल्में हैं।
अभिनेता परमब्रत चट्टोपाध्याय के निर्देशन वाली ‘अभिजान’ पांच बंगाली फिल्मों में शामिल है जबकि मराठी फीचर फिल्मों में ‘गोदावरी’,’फ्यूनरल’ और ‘बिटरस्वीट’ शामिल हैं। खंड में चार कन्नड़ फिल्में में भी हैं।
इसके अलावा हिंदी की ‘ऐट डाउन तूफान मेल’और ‘अल्फा बीटा गामा’ के साथ साथ दो मलयालम फिल्में भी हैं।
गैर फीचर श्रेणी में निर्देशक राजीव प्रकाश की ‘वेद३ द विजनरी’ दिखाई जाने वाली पहली फिल्म होगी। डॉक्यूमेंट्री फिल्मकार एस नल्लामुथु की अगुवाई वाली जूरी ने गैर फीचर श्रेणी के लिए 203 फिल्मों में से 20 का चयन किया।
इस सूची में सात हिंदी फिल्में हैं, जिनमें ‘ भारत प्रकृति का बालक’, ‘तीन अध्याय’ और ‘जुगलबंदी’ शामिल हैं। इसमें तीन अंग्रेजी, दो बंगाली, असमी, गढ़वाली, गुजराती, मराठी, उड़िया, मणिपुरी, संताली और तमिल की एक-एक फिल्म है।
आईएफएफआई के 52वें संस्करण का आयोजन सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का फिल्म उत्सव निदेशालय, गोवा सरकार के सहयोग से कर रहा है।