प्रदर्शन में मारे गए किसानों को श्रद्धांजलि देकर दिवाली, ‘बंदी छोड़ दिवस’ मनाया गयाः किसान मोर्चा

नई दिल्ली, नगर संवाददाता: संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान मारे गए 653 से अधिक किसानों को श्रद्धांजलि देकर दिवाली और ‘बंदी छोड़ दिवस’ मनाया। एसकेएम ने शुक्रवार को एक बयान में यह कहा।

विभिन्न किसान संगठनों का नेतृत्व कर रहे एसकेएम ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने और अधिक दृढ़ता से संकल्प लिया है कि वे इन किसानों के बलिदान को बेकार नहीं जाने देंगे।

एसकेएम ने एक बयान में कहा, ‘‘प्रदर्शनकारी किसानों ने और अधिक दृढ़ता से संकल्प लिया है कि वे अब तक 653 से अधिक किसानों द्वारा दिये गए बलिदान को बेकार नहीं जाने देंगे और नरेंद्र मोदी नीत केंद्र सरकार के किसानों के संघर्ष की मांगों को पूरा करने के बाद ही वे आंदोलन को समाप्त करेंगे।’’

इससे पहले, शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद रामचंद्र जांगड़ा की कार का शीशा तब टूट गया, जब कुछ बदमाशों ने हरियाणा के हिसार की उनकी यात्रा के दौरान विरोध में वाहन पर लाठियां बरसाईं।

पुलिस के अनुसार, हिसार के नारनौंद में काले झंडे लेकर प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने जांगड़ा का मार्ग अवरुद्ध कर दिया। पुलिस ने कहा कि बाद में रास्ता साफ कर दिया गया, जिससे राज्यसभा सदस्य जांगड़ा आगे जा पाए।

जांगड़ा ने कहा कि पुलिस अधिकारियों ने उन्हें बताया कि घटना के सिलसिले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। एसकेएम ने कहा कि किसान नारनौंद थाने के बाहर धरना दे रहे हैं। सैकड़ों किसान यह सुनिश्चित करने के लिए इकट्ठा हुए हैं कि हरियाणा पुलिस द्वारा शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन के दौरान हिरासत में लिए गए दो प्रदर्शनकारियों को बिना शर्त रिहा किया जाए।

बयान में कहा गया, ‘‘एसकेएम की मांग है कि हरियाणा सरकार हिरासत में लिए गए सभी किसानों को तुरंत रिहा करे और यह भी सुनिश्चित करे कि सभी घायल किसानों को चिकित्सा सहायता तुरंत मुहैया कराई जाए।’’

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