नई दिल्ली, नगर संवाददाता: केंद्रीय जहाजरानी मंत्री सर्वानंद सोनोवाल रविवार को केरल तट के नजदीक मौजूद देश में ही विकसित विमानवाहक युद्धपोत विक्रांत पर गए और उसके समुद्री परीक्षण की प्रगति की समीक्षा की। नौसेना ने यह जानकारी दी।
नौसेना की ओर से यहां जारी बयान के मुताबिक यह युद्धपोत 24 अक्टूबर को दूसरे समुद्री परीक्षण के लिए समुद्र में रवाना हुआ था।
बयान में कहा गया कि दूसरे समुद्री परीक्षण को देखने के बाद मंत्री कोचिन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) द्वारा अप्रैल 2022 में पोत को समय पर सौंपने की समयसीमा सुनिश्चित करने से प्रभावित दिखे ताकि इसे अगस्त 2022 को ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के अवसर पर नौसेना में औपचारिक रूप से शामिल किया जा सके।
बयान में कहा गया कि दूसरे चरण के परीक्षण में पोत की प्रणोदक प्रणाली, बिजली और इलेक्ट्रानिक प्रणाली, डेक पर लगे मशीनों, जीवन रक्षक उपकरणों और अन्य प्रणाली को परखा जा रहा है।
नौसेना ने बताया, ‘‘ विक्रांत के समुद्री परीक्षण में प्रगति की समीक्षा माननीय बंदरगाह, जहाजरानी, जलमार्ग मंत्री ने 31 अक्टूबर को समुद्र में खड़े पोत पर जाकर की।’’’
गौरतलब है कि इस विमानवाहक युद्धपोत के पहले चरण का अगस्त में सफल परीक्षण किया गया था। विक्रांत को नौसेना के नौसेना डिजाइन निदेशालय ने डिजाइन किया और इसका निर्माण सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम सीएसएल ने किया। सीएसएल, बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय के अधीन काम करती है।
नौसेना ने कहा, ‘‘विक्रांत की डिलिवरी के साथ भारत उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो जाएगा जिनके पास स्वदेशी स्तर पर विमान वाहक युद्धपोत को डिजाइन करने और उनका निर्माण करने की क्षमता है।यह भारत सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ का वास्तविक सबूत होगा।’’