उच्च न्यायालय ने रुजिरा बनर्जी को व्यक्तिगत पेशी से छूट दी

नई दिल्ली, नगर संवाददाता : दिल्ली उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल में कथित कोयला घोटाले से जुड़े धन शोधन के मामले में निचली अदालत में व्यक्तिगत पेशी से रुजिरा बनर्जी को फिलहाल के लिए छूट दे दी है। उच्च न्यायालय ने तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी की पत्नी को यह छूट सोमवार को दी।
गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मामले में एक निचली अदालत ने रुजिरा से 12 अक्तूबर को अपने समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया था। उच्च न्यायालय ने कहा कि वह रुजिरा बनर्जी की अर्जी पर 29 अक्तूबर को सुनवाई करेगा। इसमें प्रवर्तन निदेशाल द्वारा दर्ज की गई शिकायत पर संज्ञान लेते हुए निचली अदालत का आदेश और व्यक्तिगत पेशी के लिए बाद में भेजे गए समन आदि को चुनौती दी गई है।
प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने उच्च न्यायालय से अनुरोध किया कि रुजिरा की अर्जी पर दशहरा की छुट्टियों के बाद सुनवाई की जाए। इस पर न्यायमूर्ति योगेश खन्ना की पीठ ने आवेदक को फिलहाल के लिए व्यक्तिगत पेशी से छूट दे दी है। मेहता ने कहा कि उस समय तक महिला मुव्वकिल (रुजिरा) व्यक्तिगत पेशी नहीं भी कर सकती हैं। रुजिरा की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अनुरोध किया था कि उनके मुव्वकिल को अपने वकील के जरिए अदालत में पेश होने की अनुमति दी जाए।
रुजिरा 30 सितंबर को ऑनलाइन अदालत में पेश हुई थीं
न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा कि 29 अक्तूबर के लिए सूचीबद्ध करें। इस बीच आवेदक अपने वकील के माध्यम से निचली अदालत में पेश होंगी। ईडी द्वारा दर्ज शिकायत के संबंध में रुजिरा 30 सितंबर को ऑनलाइन अदालत में पेश हुई थीं। इसके बाद मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट पंकज शर्मा ने उस दिन व्यक्तिगत पेशी से छूट देते हुए रुजिरा को 12 अक्तूबर को अदालत में उपस्थित होने को कहा था। रुजिरा बनर्जी ने तर्क दिया है कि उनके खिलाफ ईडी की शिकायत मनमाना, फर्जी, परेशान करने वाला और कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग है। अर्जी में कहा गया है कि यह शिकायत उन्हें और उनके परिवार को परेशान करने और उनके बारे में गलत धारणा पैदा करने के लक्ष्य से की गई है।

 

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