गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश, नगर संवाददाता : दिल्ली गेट स्थित श्री दुर्गा देवी मठ प्राचीन मंदिर के महंत परमानंद गिरि के ब्रह्मलीन होने के बाद सोमवार को गिरिशानंद गिरि महाराज को श्रीमहंत बनाया गया। श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के पदाधिकारियों ने महंताई चादर विधि से गिरिशानंद महाराज को श्रीमहंत बनाया।
जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता नारायण गिरि महाराज ने बताया कि अश्विन शुक्ल पक्ष पंचमी सोमवार को दिल्ली गेट श्री दुर्गा देवी मठ मंदिर में गाजियाबाद श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के परंपरागत श्रीमहंत होते आए हैं। परमानंद गिरि के षोडशी भंडारे से पहले ब्रह्म मुहूर्त में मां बाला त्रिपुर सुंदरी का पूजन और इसके बाद महंताई की चादर विधि संपन्न की गई। अब से देवी मंदिर की व्यवस्था एवं मठ का विकास करना उनका पूर्ण अधिकार और जिम्मेदारी होगी। मंदिर की संपत्ति मंदिर के विकास का अधिकार महंत गिरिशानंद गिरि महाराज का होगा। मंदिर की संपत्ति का क्रय-विक्रय संबंधी, किसी व्यक्ति को मठ का महंत बनाने पर या किसी प्रकार चरित्र में दाग लगने पर निर्णय लेने का अधिकार मंदिर के संरक्षकों को होगा। मंदिर के संरक्षक श्रीमहंत हरि गिरि महाराज, श्रीमहंत प्रेम गिरि महाराज, श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज रहेंगे। महंताई चादर विधि के बाद ब्रह्मलीन महंत परमानंद गिरि का षोडशी भंडारा किया गया। सभी साधु संतों महात्माओं को भेंट देकर विदाई की गई। इस मौके पर बालक गद्दी पंजाब के गादीपति श्रीमहंत पृथ्वी गिरि महाराज, महंत देवेंद्र गिरि, महेश पुरी महाराज, शैलेंद्र गिरि महाराज, श्रीमहंत धीरज गिरि महाराज, श्रीदूधेश्वर मंदिर विकास समिति के अध्यक्ष धर्मपाल गर्ग, यतेंद्र नागर, पूर्व विधायक सुरेश बंसल आदि मौजूद रहे।