दक्षिण निगम में सदन की बैठक के दौरान भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर हुआ हंगामा
नई दिल्ली, नगर संवाददाता : दक्षिण दिल्ली नगर निगम सदन की बैठक में बुधवार को जमकर हंगामा हुआ। हंगामा तब शुरू हुआ जब नेता विपक्ष ने महापौर सहित बीएसईएस और निगम विभाग अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए।
महापौर पर आरोप लगाने पर सत्ता पक्ष के पार्षदों ने विपक्ष के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी, जिसे लेकर विपक्ष के सभी पार्षद वैल में नारे लिखी तख्ती लेकर पहुंच गए। महापौर मुकेश सूर्यान का कहना है कि नेता विपक्ष के आरोप को सदन की कार्रवाई से निकाल दिया गया है। आरोप बुनियाद है। दरअसल, सदन की बैठक शुरू होने पर आप पार्टी के नेता विपक्ष प्रेम चौहान ने कहा कि लोगों को बिजली का मीटर लगवाने में बेहद परेशानी आ रही है। बीएसईएस के अधिकारी मीटर लगाने के लिए एक लाख रुपये रिश्वत लेते हैं। साथ ही मीटर लगवाने के लिए नगर निगम की तरफ से एनओसी की जरूरत होती है। उनका आरोप था कि एनओसी जारी करने के एवज में निगम अधिकारी मोटी रिश्वत लेते हैं। चौहान ने एक कंपनी के अवैध विज्ञापन लगाने के मामले में महापौर पर भी भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। महापौर पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा तो सत्ता पक्ष के सभी पार्षद अपने-अपने स्थानों पर खड़े हो गए और नेता विपक्ष के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इधर, आप के सभी पार्षद हाथों में नारे लिखी तख्ती लेकर महापौर के समक्ष वैल में आ गए। काफी देर तक हंगामा चलता रहा और करीब आधा घंटे बाद सदन की कार्रवाई फिर शुरू हो सकी।
पूर्व नेता सदन नरेंद्र चावला ने कहा कि पंजाबी बाग में भारत दर्शन पार्क में कोरोना काल में शहीद हुए निगम के 54 कर्मियों की याद में स्मारक बन रहा है। उन्होंने कहा कि सभी कोरोना शहीदों के नाम भी वहां शिलापट पर लिखे जाने चाहिएं। पार्षद सत्यपाल मलिक ने कहा कि दक्षिण निगम में जो अवैध गेस्ट हाउस चल रहे हैं उनके खिलाफ स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को सीलिंग की कार्रवाई करनी चाहिए।