नई दिल्ली, नगर संवाददाता : दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि जब तक नीति के तहत अनुमति मिली है, सरकारी प्राधिकार राशन कार्ड पर जोर दिए बिना लोगों को मुफ्त राशन वितरित करेंगे। न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की एकल पीठ ने असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले सात लोगों की याचिका पर सुनवाई के दौरान कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण के महत्व पर भी जोर दिया। न्यायाधीश ने कहा, ‘‘जब तक सभी का टीकाकरण नहीं हो जाता तब तक मुफ्त राशन नहीं दिया जाना चाहिए, यही आदेश होना चाहिए। हर दिन प्रधानमंत्री कह रहे हैं (टीका लगवाएं)। आप मुफ्त राशन के लिए अदालत आते हैं लेकिन टीका नहीं लगवाना चाहते।’’ इस याचिका में राशन कार्ड के अभाव में लॉकडाउन अवधि के दौरान राशन की निशुल्क आपूर्ति के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया गया। न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने कहा, ‘‘यह बताने की आवश्यकता नहीं है कि जब तक राशन कार्ड पर जोर दिए बिना मुफ्त राशन की योजना जारी रहेगी, तब तक प्रतिवादी याचिकाकर्ताओं और इसी तरह के अन्य व्यक्तियों को मुफ्त राशन प्रदान करना जारी रखेंगे।’’ दिल्ली सरकार के वकील ने अदालत को बताया कि फिलहाल उसकी नीति के तहत याचिकाकर्ताओं को बिना राशन कार्ड मांगे ही राशन मुहैया कराया जा रहा है। केंद्र सरकार के वकील ने कहा कि भले ही उसने वितरण में कोई भूमिका नहीं निभाई, लेकिन प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत केंद्रीय पूल से राज्य सरकारों को खाद्यान्न आवंटित किया गया। अदालत को बताया गया कि यह योजना नवंबर तक चालू रहेगी।