नई दिल्ली, नगर संवाददाता : देश में कोरोना के नए मामलों में कमी देखी जा रही है लेकिन तीसरी लहर का खतरा लगातार बना हुआ है. ऐसे में कोरोना टेस्टिंग और वैक्सीनेशन पर इस समय सबसे ज्यादा जोर दिया जा रहा है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश में कुल वैक्सीनेशन का आंकड़ा 57ण्61 करोड़ के पार पहुंच गया है. मंत्रालय ने बताया कि पिछले 24 घंटों में भारत में 36 लाख से ज्यादा लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाई गई है.
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में शुक्रवार को 36,36,043 लाख से ज्यादा लोगों को कोरोना वैक्सीन की डोज लगाई गई है. भारत का कोविड-19 वैक्सीनेशन कवरेज आज सुबह 7 बजे तक की रिपोर्ट के मुताबिक 57.61 करोड़ (57,61,17,350) का आंकड़ा पार कर गया है. यह टारगेट 64,01,385 सेशन के माध्यम से हासिल किया गया है. पिछले 24 घंटों में 26,57,302 लोगों को पहली डोज और 9,78,741 लोगों को दूसरी डोज लगी है.
देश में कोरोना संक्रमण के 34,457 नए केस वहीं, देश भर से पिछले 24 घंटों में कोरोना संक्रमण के 34,457 नए मामले सामने आए हैं, जिसके बाद एक्टिव केस की संख्या अब 3,61,340 हो गई है. ये संख्या पिछले 151 दिनों में सबसे कम है. इससे पहले शुक्रवार को देश में कोरोना के 36,571 नए मामले सामने आए थे. वहीं आईसीएमआर द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, 19 अगस्त तक 50,26,99,702 लोगों की कोरोना जांच की जा चुकी है. वहीं सिर्फ 19 अगस्त को ही 18,86,271 सैंपल्स टेस्ट किए गए.
फुली वैक्सीनेटेड लोग भी ‘डेल्टा प्लस’ से हो सकते हैं संक्रमित
एक रिसर्च के मुताबिक फुली वैक्सीनेटेड लोग भी डेल्टा प्लस वैरिएंट से संक्रमित हो सकते हैं. जिसका मतलब है कि कोरोना वैक्सीनेशन के बाद भी कोरोना का नया वैरिएंट लोगों को संक्रमित कर सकता है. ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने रिसर्च के दौरान पाया कि इस वेरिएंट के ट्रांसमिशन का लेवल वैक्सीनेटेड और नॉन-वैक्सीनेटेड दोनों लोगों के शरीर में एक जैसा ही है. अध्ययन के प्रमुख शोधकर्ताओं में से एक डॉ कोएन पॉवेल्स ने बताया कि वैक्सीनेशन गंभीर बीमारी को रोकने में सक्षम हैं, हालांकि वेरिएंट के संक्रमण को रोकने में कम प्रभावी हैं.