नई दिल्ली, नगर संवाददाता : गुरुद्वारा चुनाव को लेकर जहां सुरक्षा चाक चौबंद रही, वहीं पंजाबी बाग के एक बूथ पर बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए व्हील चेयर तक नहीं था, जिसके कारण बुजुर्ग मतदाताओं को परेशानियों का सामना करना पड़ा. दरअसल पंजाबी बाग स्थित मतदान केंद्र पर एक बुजुर्ग महिला अपने पति और बच्चे के साथ मतदान करने पहुंची थीं, जहां पर उन्हें व्हीलचेयर उपलब्ध नहीं कराई गई. महिला के पति और बेटे का आरोप है कि दिल्ली पुलिस के जवानों ने इस दौरान उनकी कोई मदद नहीं की.
गुरुद्वारा चुनाव से पहले बूथ पर तमाम इंतजामों को लेकर दावे तो किये गए, लेकिन पंजाबी बाग के सर्वोदय कन्या विद्यालय-2 में बनाए गए मतदान केंद्र पर बदइंतजामी ऐसी कि बुजुर्गों और दिव्यांगों के व्हीलचेयर ही नहीं था. यहां एक परिवार काफी देर तक परेशान रहा. बुजुर्ग महिला व्हीलचेयर के इंतजार में पहले काफी देर कार में ही बैठी रही, लेकिन जब व्हील चेयर नहीं मिला तो उन्होंने दिल्ली पुलिस के जवानों से कार मतदान केंद्र के अंदर ले जाने का निवेदन किया. सुरक्षा के लिहाज से पुलिस ने उन्हें ऐसा करने से मना कर दिया. आखिरकार बुजुर्ग महिला को किसी तरह पैदल ही मतदान केंद्र के अंदर जाना पड़ा.
इस बात से नाराज महिला के पति और बेटे ने पुलिस पर सहयोग न करने का आरोप लगाया है. बुजुर्ग महिला के पति ने कहा कि अब तो बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए विश्वभर में हर जगह व्हीलचेयर रहता है. पंजाबी बाग स्थित इस बूथ पर वोट डालने पहुंचे शिरोमणि अकाली दल के दिल्ली प्रेजिडेंट परमजीत सिंह सरना ने आरोप लगाया कि कमेटी में बैठे लोग लूटने के लिए बैठे हैं, वे इंतजाम नहीं कर सकते.
दिल्ली सरकार और चुनाव निदेशालय की तमाम दावों के बावजूद बूथ पर व्हीलचेयर का न होना कहीं न कहीं बड़ी लापरवाही को दर्शाता है. ऐसा सिर्फ एक नहीं दूसरे कई बूथ पर भी व्हेरलचेयर नहीं है, जिससे मतदान करने वाले बुजुर्ग और दिव्यांगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. आखिर इसका जिम्मेवार कौन है. उन्होंने कहा कि गुरुद्वारा चुनाव दूसरे चुनाव की तरह ही होता है.