ग्रेटर नोएडा, नगर संवाददाता: जिला न्यायालय ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुख्यात गैंगस्टर ग्रेटर नोएडा के घंघौला गांव निवासी सुंदर भाटी समेत 12 बदमाशों को सपा नेता हरेंद्र प्रधान व सरकारी गनर भूदेव शर्मा हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। वीडियो कांफ्रेंसिग से सोमवार को हुई सुनवाई के बाद फैसला सुनाया गया। आजीवन कारावास की सजा सुनने के बाद सुंदर ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। सुंदर वर्तमान में सोनभद्र जेल में बंद है। पहली बार सुंदर भाटी को किसी मामले में सजा हुई है। वहीं पहली बार ही गौतमबुद्धनगर में किसी मामले में एक साथ 12 बदमाशों को आजीवन कारावास की सजा हुई है। मामले की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश डॉक्टर अनिल कुमार सिंह ने की।
अधिवक्ता हरिराज चैधरी, राजेंद्र नागर व इब्राहिम सोलंकी ने बताया कि बीते 25 मार्च को सुंदर भाटी, योगेश, विकास पंडित, कालू भाटी, दिनेश भाटी, अनूप भाटी, यतेंद्र चैधरी, सोनू, बॉबी उर्फ शेर सिंह, ऋषिपाल, सिघराज व सुरेंद्र पंडित को दोषी करार दिया गया था। सोमवार को कोर्ट ने सभी 12 आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई और एक लाख 80 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। केस की सुनवाई के दौरान आरोपितों के अधिवक्ता ने पक्ष रखा कि लंबे समय से आरोपित जेल में बंद है। इस वजह से उनको कम सजा सुनाई जाए।
कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि आरोपितों द्वारा किया गया कृत्य गंभीर श्रेणी का है। इसमें दो निर्दोष व्यक्तियों की जान गई थी। वहीं कोर्ट ने सरकारी गनर भूदेव शर्मा के स्वजन को जुर्माने की रकम से 50 फीसद हिस्सा देने के लिए कहा है। बता दें कि सुंदर भाटी के खिलाफ 60 से अधिक आपराधिक मुकदमें दर्ज हैं। अब तक वह गवाहों व पक्षकारों पर दबाव बनाकर बरी होता रहा था। हरेंद्र प्रधान हत्याकांड में गवाहों पर कोई दबाव नहीं बन सका। वर्ष 2017 में केस की पहली गवाही हुई थी। हरेंद्र का भाई रवि नागर, आजाद, विकास, प्रवीण, सतेंद्र व राजकुमार केस में मुख्य गवाह रहे है। रवि नागर को सुंदर भाटी के खिलाफ गवाह होने की वजह से भारी पुलिस सुरक्षा मिली हुई है। हालांकि वर्ष 2018 में रवि नागर भी सरिया चोरी के मामले में बिसरख कोतवाली से जेल गया था। यह है हत्या का कारण
हरेंद्र प्रधान व सुंदर भाटी के बीच सरिया चोरी, फैक्ट्री के स्क्रैप व पेयजल आपूर्ति को लेकर दुश्मनी थी। सुंदर नहीं चाहता था कि हरेंद्र सरिया, स्क्रैप के ठेके ले। दोनों के बीच ठेकों को लेकर विवाद बढ़ा और सुंदर भाटी ने हरेंद्र प्रधान की हत्या करवा दी।