गुरुग्राम, नगर संवाददाता: बैंकों के निजीकरण के विरोध में दूसरे दिन मंगलवार को भी साइबर सिटी की करीब 900 सरकारी बैंक शाखाओं में हड़ताल रही। कामकाज न होने से व्यापार ठप रहा। सरकारी काम भी नहीं हो पाए। जबकि प्राइवेट बैंकों में सामान्य स्थिति रही। हड़ताल का असर ये रहा कि कई एटीएम में भी रुपये नहीं थे। इस कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
इस देशव्यापी हड़ताल का असर ग्राहकों पर सीधा पड़ता दिखाई दिया। जिन लोगों को हड़ताल की जानकारी नहीं थी, वे बैंक पहुंचकर वापस लौटते दिखाई दिए। बैंककर्मी व अधिकारी बैंकों में आये अवश्य, लेकिन वे अंदर नहीं गए और बाहर ही धरना प्रदर्शन कर लौट गए। बैंकों में हड़ताल होने के कारण लेन-देन बिल्कुल नहीं हुआ। एटीएम में भी कई स्थानों पर कैश की कमी होने की जानकारी मिली है। पिछले 4 दिनों से बैंक बंद हैं।
माह का दूसरा शनिवार होने के कारण पिछले सप्ताह से बैंक बंद है। इसी प्रकार रविवार को अवकाश रहने के कारण भी बैंक बंद ही था। पिछले दो दिनों से हड़ताल चल रही है। निजी बैंकों के खुले रहने से लोगों ने कुछ राहत अवश्य महसूस की। बैंककर्मी एसोसिएशन के आरके गंभीर का कहना है कि केंद्र सरकार वर्ष 2021 में दो बैंकों का निजीकरण करने जा रही है। इसी के विरोध में यह देशव्यापी हड़ताल की गई है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि बैंकों का निजीकरण न किया जाए।