गाजियाबाद, नगर संवाददाता: किशोरी से दुष्कर्म करने के बाद उसकी अश्लील वीडियो पीड़िता की शादी के बाद पति को भेजकर वायरल करने वाले अभियुक्त को दस वर्ष की सजा सुनाई है। पाक्सो कोर्ट के विशेष न्यायाधीश महेंद्र श्रीवास्तव ने अभियुक्त पर 1.80 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माने का चैथाई हिस्सा यानि 45 हजार रुपये पीड़िता को दिए जाने का आदेश दिया है। पाक्सो कोर्ट के विशेष लोक अभियोजक उत्कर्ष वत्स ने बताया कि थाना मोदीनगर क्षेत्र में रहने वाले एक व्यक्ति ने 15 मार्च 2019 को रिपोर्ट दर्ज कराई। उसमें बताया कि व्यक्ति के दोस्त सुशील कुमार ने गाड़ी खरीदने के लिए तीन लाख रुपये मांगे थे। व्यक्ति ने 10 फरवरी को रुपये सुशील को उधार दे दिए। इस दौरान व्यक्ति ने अपनी बेटी की शादी 3 मार्च 2019 को तय कर दी। सुशील को दिए हुए रुपये वापस मांगे तो उसने पैसे वापस करने के बजाए बर्बाद करने की धमकी दी। व्यक्ति ने किसी तरह से पैसे की व्यवस्था कर बेटी की शादी की। इसके बाद उधार दिए पैसे सुशील से दोबारा वापस मांगे तो उसने पीड़ित की बेटी की एक अश्लील वीडियो वायरल करने के साथ ही उसके पति को भेज दी, इससे उसका रिश्ता टूट गया। जब वीडियो के बारे में पीड़ित ने अपनी बेटी से पूछा तो उसने बताया कि सुशील ने शीतल पेय में नशीला पदार्थ पिलाकर बेहोश कर दिया था, उसके बाद दुष्कर्म किया था। सुशील ने घटना के बारे में किसी को भी बताने पर परिवार वालों को जान से मारने की धमकी दी थी, इस भय से उसने किसी से जिक्र नहीं किया। सुशील ने युवती की अश्लील वीडियो बनाने के साथ ही उसकी नग्न फोटो भी खींच ली थी। पुलिस ने रिपोर्ट के आधार पर सुशील को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। अदालत में सुनवाई के दौरान सुशील से बरामद मोबाइल फोन और नौ गवाह अदालत में पेश किए गए थे। जिस समय पीड़िता के साथ दुष्कर्म की वारदात हुई थी, उस दौरान उसकी उम्र 17 साल तीन महीने थी, जबकि शादी के दौरान वह बालिग हो चुकी थी। घटना के दौरान नाबालिग होने से मुकदमा विशेष पोक्सो एक्ट के तहत न्यायधीश महेंद्र कुमार श्रीवास्तव की कोर्ट में चला। अदालत ने पेश सबूत और गवाहों के बयान के आधार पर सुशील को सजा सुनाई।