लखनऊ, नगर संवाददाता: उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने लोक भवन में आयोजित कार्यक्रम में बेसिक शिक्षा विभाग के नव चयनित 271 खंड शिक्षा अधिकारियों को नियुक्ति पत्र वितरित किया। इस मौके पर उनके साथ बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार डॉ. सतीश द्विवेदी, अपर मुख्य सचिव संजीव मित्तल, डीजी विजय किरण आनंद समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को यहां लोक भवन में आयोजित कार्यक्रम में बेसिक शिक्षा विभाग के नव चयनित 271 खंड शिक्षा अधिकारियों को नियुक्ति पत्र वितरित किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अखलेश सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि पहले की भर्तियां परिवारों के नाम कर दी जाती थीं। वहीं परिवार वसूली करता था। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश के युवाओं को पारदर्शी तरीके से हम लोग नियुक्ति पत्र देकर उनकी प्रतिभा और उनकी ऊर्जा का लाभ प्रदेश के विकास के लिए ले पाने में सफल हुए हैं। आप के मन में रहा होगा कि सरकारी नौकरी करेंगे, लेकिन क्या 4-5 साल पहले यह संभव था। जाति, मजहब और पक्षपात के आधार पर नियुक्तियां की जा रही थी। हमने स्पष्ट कर दिया था कि भर्ती में गड़बड़ी मिली तो भर्ती बोर्ड के हर स्तर के अधिकारी जवाबदेह होंगे। परिणाम यह रहा कि यूपी में आज कोई युवा भर्ती में गड़बड़ी की शिकायत नहीं कर रहा है। 4 साल में चार लाख भर्तियां की गईं हैं। डेढ़ लाख पुलिस विभाग की भर्ती की गई। प्रदेश में पुलिस की कमी थी। बेसिक शिक्षा में एक लाख 20 हजार शिक्षकों की भर्ती की गई। एक भी भर्ती में पैसे के लेन देन सामने नहीं आया है। किसी भी युवा के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए। आज जब आप लोगों को साफ सुथरा तरीके से नौकरी मिली है तो हम यह अपेक्षा करते हैं कि विभाग के लिए बेहतर कार्य हो। ईमानदारी के साथ आप सभी लोग काम करें। बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता के मन में एक विश्वास पैदा होना चाहिए कि जब तक उत्तर प्रदेश में योगी सरकार है तब तक प्रदेश के गरीब, मजदूर, कमजोर वर्ग के परिवार के बच्चों के लिए शिक्षा स्वास्थ्य बिजली की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। 2017 के पहले बेसिक शिक्षा स्कूल से लोग अपने बच्चों को पढ़ाना नहीं चाहते थे। लोग अपने बच्चों को बेसिक स्कूलों से निकाल रहे थे। स्कूल में न तो ठीक छत थी और न ही दीवार थी। अगर छत थी तो पानी की व्यवस्था नहीं थी। आज स्कूल की स्थिति में बदलाव हुआ है। लोग अपने बच्चों को पढ़ाना चाहते हैं।