ग्रेटर नोएडा, नगर संवाददाता: नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को इंदिरा गांधी इंटरनेशनल (आइजीआइ) एयरपोर्ट से मेट्रो कनेक्टिविटी के लिए दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन (डीएमआरसी) से व्यावहारिक व विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कराई जाएगी। प्रदेश सरकार से अनुमोदन के बाद डीपीआर तैयार कराने का प्रस्ताव डीएमआरसी को भेजा जाएगा। यमुना प्राधिकरण में मंगलवार को हुई ऑन लाइन बैठक में यह फैसला किया गया।
दिल्ली एयरपोर्ट एक्सप्रेस मेट्रो से नोएडा एयरपोर्ट मेट्रो की कनेक्टिविटी शिवाजी स्टेडियम स्टेशन पर करने के लिए संभावनाएं तलाशी जाएंगी। एक्सप्रेस मेट्रो के लिए अलग कॉरिडोर तैयार किया जा सकता है।
नोएडा एयरपोर्ट मेट्रो की डीपीआर डीएमआरसी से तैयार कराने के यमुना प्राधिकरण के मौखिक प्रस्ताव पर शासन पहले ही सहमति दे चुका है। मंगलवार को इसका प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया। ताकि अनुमोदन के बाद डीएमआरसी काम शुरू कर सके। अपर मुख्य सचिव अरविंद कुमार की अध्यक्षता में ऑन लाइन हुई बैठक में यमुना प्राधिकरण के अलावा नोएडा मेट्रो रेल कारपोरेशन, उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कारपोरेशन के अलावा नोएडा व ग्रेटर नोएडा के सीईओ भी शामिल हुए।
नोएडा एयरपोर्ट मेट्रो यमुना एक्सप्रेस वे, नोएडा ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे के समानांतर होते हुए शिवाजी स्टेडियम स्टेशन पर आइजीआइ एयरपोर्ट से जुड़ सकती है। डीएमआरसी यह भी देखेगी कि एक्वा मेट्रो व ब्लू लाइन मेट्रो के जरिये शिवाजी स्टेडियम स्टेशन तक का रूट तैयार किया जाए या फिर अलग कॉरिडोर बनाया जाए।
नॉलेज पार्क दो से नोएडा एयरपोर्ट तक मेट्रो रूट के लिए डीएमआरसी ने फरवरी 2019 में डीपीआर सौंपी थी। 35 किमी लंबे रूट पर 25 स्टेशन प्रस्तावित किए गए थे, लेकिन शासन ने यह कहते हुए इस डीपीआर को खारिज कर दिया गया कि स्टेशन अधिक होने के कारण यात्रियों को एयरपोर्ट तक पहुंचने में अधिक समय लगेगा। परियोजना की लागत भी अधिक होगी। इससे परियोजना व्यावहारिक नहीं रहेगी। यमुना प्राधिकरण को संशोधित डीपीआर के साथ स्टेशन की संख्या पांच से छह रखने का सुझाव दिया था। संशोधित डीपीआर भी डीएमआरसी ही तैयार करेगी। इसमें सेक्टर 18, 20, 22डी, फिल्म सिटी सेक्टर 21, सेक्टर 28 व नोएडा एयरपोर्ट स्टेशन पर विचार किया जाएगा।
यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि नोएडा एक्सप्रेस मेट्रो के लिए डीएमआरसी से व्यावहारिकता एवं विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार कराई जाएगी। अनुमोदन के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। दो माह में रिपोर्ट तैयार हो जाएगी।