नई दिल्ली, नगर संवाददाता: रूप नगर पुलिस ने दस लाख रुपये की लूट के मामले को सुलझाते हुए पूर्व एजुकेशन काउंसलर समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया है। लॉकडाउन में एजुकेशन काउंसलर की नौकरी छूटने के बाद आरोपी लूटपाट में शामिल हो गया था।
डीसीपी अंटो अल्फोंस ने बताया कि 27 फरवरी को रूप नगर इलाके में रोडरेज के नाम पर कैशियर राकेश से दस लाख की लूट हो गई थी। पीड़ित की शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर एसआई संजय कौशिक और एसआई आकाशदीप की टीम गठित की गई। पुलिस को सीसीटीवी कैमरे की फुटेज के सहारे वारदात में प्रयुक्त स्कूटी का नंबर मिला और फिर स्कूटी मालिक राहुल को गिरफ्तार कर लिया। राहुल भी राकेश के साथ एक ही कंपनी में काम करता था और घटना के समय वह भी था। पुलिस की पूछताछ में उसने बताया कि इस वारदात में लक्ष्मी नगर निवासी लकी नोएल और एक अन्य युवक शामिल हैं।
पुलिस की टीम जब लक्ष्मी नगर पहुंची तो वहां से लकी फरार हो चुका था। जब कॉल डिटेल खंगाली गई तो मालूम हुआ कि लकी आसाम अपने गांव की तरफ जा रहा है। अंत में आरोपी की लोकेशन कोकराझार में मिली, जहां एसआई संजय कौशिक की टीम ने बुधवार को गिरफ्तार कर लिया। लकी ने बताया कि वह एप आधारित एजुकेशन कंपनी में वह काउंसलर का काम करता था लेकिन, लॉकडाउन में नौकरी जाने के बाद वह अपराध करने लगा।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि 2013 में लकी अपनी मां की हत्या में गिरफ्तार हुआ था। स्थानीय अदालत ने उसे दोषी भी ठहरा दिया लेकिन हाईकोर्ट ने उसे बरी कर दिया। इस दौरान जेल में उसकी मुलाकात अपराधियों से हुई जिनके सहारे वह राहुल से मिला। पुलिस ने दोनों आरोपियों के कब्जे से लूट का चार लाख रुपया भी बरामद कर लिया है।
वारदात में प्रयुक्त स्कूटी राहुल ने एक वकील से खरीदी थी। उसने वारदात के बाद तुरंत स्कूटी चोरी होने की ईएफआईआर भी करवा दी। जब पुलिस ने जांच शुरू की तो वह बरगलाता रहा लेकिन काल डिटेल्स आदि के आधार पर शक होने पर पूछताछ में सारी बात बता दी।