मोदीनगर, नगर संवाददाता: दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे में अधिगृहीत जमीन के एकसमान मुआवजे की मांग पूरी न होने पर किसानों ने शुक्रवार को मुरादाबाद गांव के सामने एक्सप्रेस-वे पर बेमियादी धरना शुरू कर दिया। नाराज किसानों ने एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य भी ठप कर दिया। किसानों को मनाने के लिए एसडीएम एवं तहसीलदार किसानों के बीच पहुंचे। लेकिन किसानों को समझाने में वे पूरी तरह नाकाम रहे।
एक्सप्रेस-वे में अधिगृहीत जमीन का किसान एकसमान मुआवजा मांग रहे हैं। वर्षो से चली आ रही मांग जब पूरी नहीं हुई तो किसानों ने शुक्रवार को दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर मुरादाबाद गांव के सामने धरना शुरू कर दिया। एकमत होकर किसान दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे की साइट पर पहुंचे और काम में लगे कर्मचारियों को दौड़ाकर निर्माण ठप करा दिया। इस दौरान पूर्व जिला पंचायत सदस्य सतीश राठी ने कहा कि प्रशासन और एनएचएआई ने किसानों से हर बार झूठ बोला। किसान अपना हक मांग रहे हैं, भीख नहीं।
इसकी सूचना एनएचएआई के अधिकारियों को मिली तो उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को इसकी जानकारी दी। दोपहर को एसडीएम आदित्य प्रजापति, तहसीलदार उमाकांत तिवारी, सीओ मोदीनगर सुनील कुमार सिंह किसानों के बीच पहुंचे। उन्होंने किसानों की समस्या का समाधान कराने का भरोसा दिया और धरना खत्म करने की अपील की। काफी देर तक चली मान-मनौव्वल के बावजूद किसान अधिकारियों की बात मानने को तैयार नहीं हुए। उन्होंने साफ कहा कि वे किसी भी कीमत पर धरना खत्म नहीं करेंगे। किसानों ने चेताया कि शनिवार को वे मुरादाबाद से लेकर डासना तक का निर्माण कार्य ठप करेंगे। तब तक काम नहीं होने दिया जाएगा, जब तक मुआवजा नहीं मिल जाता। इस मौके पर मनबीर त्यागी, दलबीर सिंह, पंकज, सुरेश, बिरेंद्र आदि अनेक लोग मौजूद रहे।
उधर, किसानों के धरना को देखते हुए मुरादाबाद गांव के सामने एक्सप्रेस-वे के आसपास जगह-जगह पुलिसबल तैनात कर दिया गया था। एक्सप्रेस-वे पर चढ़ने के रास्ते भी बैरिकेड लगाकर बंद कर दिए गए थे। इसके बावजूद धरने में बड़ी संख्या में किसान हिस्सा लेने पहुंचे। ध्यान रहे कि किसानों ने पिछले साल तहसील में दो माह तक धरना दिया था। कमिश्नर व विधायक के स्तर से मांग पूरी कराने का आश्वासन मिलने के बाद वे धरना खत्म करने के लिए राजी हुए थे। लेकिन, अब दोबारा किसान प्रशासन और एनएचएआई के खिलाफ आरपार की लड़ाई के मूड में हैं।