नई दिल्ली, नगर सवंाददाता: दिल्ली नगर निगम उप-चुनावों में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के दिल्ली प्रभारी शक्तिसिन्ह गोहिल ने कांग्रेस उम्मीदवारों कल्याणपुरी वार्ड से धर्मपाल मौर्या, त्रिलोकपुरी वार्ड से बाल किशन और चैहान बांगड़ से जुबैर अहमद के पक्ष में चुनाव प्रचार करके जनसभाओं को सम्बोधित किया। क्षेत्र को पूरी तरह तिरंगे से पाटा हुआ था तथा मौजूद क्षेत्रवासियों में भाजपा और आम आदमी पार्टी प्रति भारी रोष था, दोनो पार्टियों के खिलाफ जोरदार नारे लगा रहे थे। श्री गोहिल ने कहा कि जनता के रुझान से यह साफ दिख रहा है कि कांग्रेस प्रत्याशी सभी पांचों वार्डों पर विजयी हांगे और 2022 के निगम आम चुनावों के लिए दिल्ली में एक नए परिवर्तन के लिए रास्ता बनाऐंगे। जनसभाओं में भारी संख्या में क्षेत्रीय जनता के साथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं, प्रदेश उपाध्यक्ष जय किशन, अभिषेक दत्त, पूर्व मंत्री डा0 नरेन्द्र नाथ, उत्तराखंड के पूर्व मंत्री धीरेन्द्र प्रताप, अमरीश गौतम, चै0 मतीन अहमद, वीर सिंह धींगान, जिला अध्यक्ष दिनेश कुमार और कैलाश जैन, निगम पार्षद दर्शना जाटव,वेद पाल, रमेश पंडित, विजय कुमार, विद्या देवी, अब्दुल हनन, प्रमोद जयंत, महेन्द्र मंगला, तरुण त्यागी सहित ब्लाक अध्यक्ष, पूर्व निगम पार्षद व पदाधिकारी वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे। श्री गोहिल ने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार पेट्रोलियम पदार्थों की दरों में हो रही लगातार वृद्धि पर नियंत्रण करने के लिए कोई काम नही कर रही और न ही पेट्रोल डीजल पर एक्साईज ड्यूटी कम करके देशवासियों को राहत देने की दिशा में कोई काम कर रही है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के साथ केजरीवाल सरकार भी वेट में भारी बढ़ोत्तरी करके मुनाफा खोरी में लगे हुए हैं। जबकि आज एक ही महीने में तीसरी बार सब्सिडी वाले सिलेंडर पर 25 रुपये की वृद्धि कर दी गई, कांग्रेस पार्टी इसका पुरजोर विरोध करती है और कांग्रेस कार्यकर्ता लगातार केन्द्र और दिल्ली सरकार के खिलाफ पेट्रोलियम पदार्थों की दरों को कम करने की मांग कर रहे है। श्री गोहिल नें क्षेत्रवासियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल निगम उपचुनाव में अपने प्रचार के दौरान यह बयान दे रहे है कि हमने दिल्ली में शिक्षा, स्वास्थ्य के क्षेत्र, पानी और बिजली में सुधार के लिए बेहतरीन कार्य किए है, अब हमें दिल्ली नगर निगम को ठीक करना है। उन्होंने कहा कि शिक्षा मॉडल का बखान करने वाली अरविन्द सरकार के 6 वर्षों के कार्यकाल में सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की बढ़ौत्तरी की जगह छात्रों की कमी हुई है। कोविड काल में शिक्षा की बदहाल ऑनलाईन व्यवस्था के कारण 1.66 लाख छात्र ऑनलाईन शिक्षा पद्धति से जुड़े ही नही पाए। श्री गोहिल ने कहा कि दिल्ली में कोविड काल के दौरान स्वास्थ्य क्षेत्र का हाल पूरे दिल्लीवासी जानते है कि अरविन्द सरकार ने आरटी-पीसीआर टेस्ट की दर देश में सबसे अधिक रखी जिस वजह से गरीब लोग टेस्ट नही करवा पाए और सरकारी अस्पतालों के भरपूर इस्तेमाल की जगह प्राईवेट अस्पतालों को सहायता पहुचाने के लिए काम किया। दिल्ली शहर कोविड से प्रभावित मरीजों और उससे हुई मृत्यु के लिए नम्बर एक शहर बना।
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