गाजियाबाद, नगर संवाददाता: दिल्ली की तर्ज पर जल्दी ही शहर के सभी कूड़ाघर विलुप्त हो जाएंगे। अभी तक नगर निगम इस योजना पर कार्य कर 95 कूड़ाघरों को विलोपित कर चुका है। जहां कूड़ा डालकर लोग गंदगी फैलाया करते थे, वहां अब नगर निगम प्रशासन ने विलोपित कूड़ाघर बनाकर छोटे पार्क विकसित करने का कार्य शुरू कर दिया है। नगर निगम की कोशिश है कि स्वच्छ सर्वेक्षण से पहले शहर के सभी कूड़ाघरों को विलोपित कर दिया जाए।
स्वच्छ सर्वेक्षण अगले महीने की चार तारीख से शुरू होने जा रहा है। चार से 31 मार्च तक कभी भी केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय की टीम गाजियाबाद का दौरा कर सकती है। वह सबसे पहले कूड़े के मैनेजमेंट पर ही फोकस करेगी। इसलिए नगर निगम का प्लान है कि कैसे कूड़े के प्रोसेसिंग मैनेजमेंट को बेहतर किया जा सके।
नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर का कहना है कि कूड़े के डिस्पॉजल को मैनेजमेंट इस बार हाईटेक करेगा। इसके लिए हर जोन से निकलने वाले कूड़े के डिस्पॉजल के लिए एक अलग से फैक्ट्री लगाई जाएगी। इस फैक्ट्री के लगाने का कार्य जीडीए शुरू कर चुका है। शहर की पहली कूड़ा फैक्ट्री गांव सिहानी में नगर निगम की गैराज में लगाई जा रही है। इस कूड़ा फैक्ट्री को बनाने में ही नगर निगम करीब साढ़े चार करोड़ रुपये खर्च करने जा रहा है। निगम का दावा है कि इसी महीने से यह कूड़ा फैक्ट्री कार्य करना शुरू कर देगी। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि सिटी जोन का पूरा करीब ढ़ाई सौ मीट्रिक टन कूड़ा डंपिंग ग्राउंड में ले जाने की जरूरत नहीं होगी। यह पूरा कूड़ा नगर निगम प्रशासन द्वारा बनाए जाने वाले प्लांट में जाएगा। निगम का दावा है कि इस प्लांट पर जो पैसा खर्च होगा उस पूरे पैसे की कूड़े में आने वाले रिसाइकल वेस्ट से निगम भरपाई करेगा।