नई दिल्ली, नगर संवाददाता: दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी ने केजरीवाल सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले साल को नाकामयाबियों का साल कहा है। उन्होंने कहा है कि दिल्ली सरकार पिछले एक साल में एक भी ऐसा काम नहीं कर पाई जिसे वह अपनी उपलब्धि कह सके। सरकार हर मोर्चे पर फेल साबित हुई है। दिल्ली सरकार का 65 हजार करोड़ का बजट था, लेकिन जनता के लाभ और विकास कार्यों के नाम पर यह सरकार एकदम जीरो रही। स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली,पानी, सड़क और प्रदूषण जैसे मोर्चे पर सरकार की नाकामी किसी से छिपी नहीं है।
श्री बिधूड़ी ने कहा है कि पिछले एक साल में कोरोना सबसे बड़ी चुनौती थी, लेकिन दिल्ली सरकार इसमें पूरी तरह फेल हो गई। साल में दो बार जून और नवंबर में कोरोना के मामले पीक पर रहे और दोनों बार दिल्ली सरकार निकम्मी साबित हुई। केंद्र सरकार और खासतौर पर गृहमंत्री अमित शाह ने अपनी जिम्मेदारी समझते हुए दोनों बार हस्तक्षेप किया तो दिल्लीवालों को बचाया जा सका। दिल्ली सरकार के कामकाज पर अदालतों की जो टिप्पणियां आई हैं, वही हालात का यथार्थ दिखा देती हैं। अदालतों ने दिल्ली के अस्पतालों की तुलना बूचड़खानों से की। कोरोना के दौरान अस्पतालों में लाशों के अंबार लग गए। दिल्ली सरकार प्रवासी मजदूरों को रोकने के लिए कोई योजना नहीं ला पाई और उसकी आर्थिक नीतियों का नतीजा यह है कि दिल्ली के कारोबारी अब तक निराश बैठे हैं। 65 हजार करोड़ की अर्थव्यवस्था होने के बावजूद केजरीवाल सरकार दिल्ली को बदहाली के हालात में पहुंचा चुकी है।
श्री बिधूड़ी ने केजरीवाल सरकार को उन वादों की भी याद दिलाई है जिनके बल पर वह चुनाव जीतकर आई। चुनाव से ठीक पहले जनता से कई वायदे किए गए थे, लेकिन उनमें से कोई भी पूरा नहीं हो पाया। उस वक्त केजरीवाल सरकार ने फ्री वाई फाई, स्ट्रीट लाइट्स और एक लाख 4 हजार सीसीटीवी कैमरे लगाने का वादा किया था, लेकिन ये सारे वादे सिर्फ चुनावी वादे ही साबित हुए हैं। नई बसों की खरीद का राग दिल्ली सरकार बरसों से गा रही है, लेकिन पिछले छह सालों के अपने कार्यकाल के दौरान दिल्ली सरकार डीटीसी की एक भी बस नहीं खरीद पाई। शिक्षा के नाम पर दावे भले ही किए जाते हों, लेकिन दिल्ली के सरकारी स्कूलों में छात्रों की घटती संख्या बताती है कि सरकार क्या काम कर रही है और किस तरह अपने मुंह मियां मिट्ठु बन रही है।
श्री बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली हर साल गैस चेंबर में बदल जाती है। इससे शर्म की बात और क्या होगी कि पिछले साल भी दिवाली के बाद से प्रदूषण लेवल जानलेवा स्तर पर बना हुआ है। दिल्ली दुनिया की सबसे प्रदूषित नगरी बनने का कलंक अपने माथे पर लगा चुकी है। केजरीवाल सरकार प्रदूषण कम करने के लिए कोई योजना नहीं बना पाई। दिल्ली सरकार ने पिछले बजट के वक्त कहा था कि 500 किलोमीटर सड़कें बनाई जाएंगी लेकिन पिछले एक साल में ये वादा भी हवा-हवाई हो गया है। श्री बिधूड़ी ने दिल्ली सरकार को दिल्ली को 24 घंटे पानी देने और यमुना की सफाई का वादे भी याद दिलाए और कहा कि सरकार शायद ये वादे भूल चुकी है। जनता को बिजली की सबसिडी के नाम पर भी धोखा दिया जा रहा है, क्योंकि फिक्स्ड चार्ज के नाम पर जनता से ठगी हुई है।
श्री बिधूड़ी ने नसीहत दी है कि केजरीवाल सरकार अपनी पीठ थपथपाने की बजाय पिछले एक साल के कामकाज पर ही नजर डाल ले तो उसे अपनी असलियत का पता चल जाएगा। केजरीवाल सरकार समझ बैठी है कि वह पांच साल सुरक्षित है और इसीलिए दिल्ली को छोड़कर सारा ध्यान दूसरे राज्यों पर लगा रही है। दिल्ली की जनता केजरीवाल सरकार की अनदेखी और उदासीनता का दंड भुगत रही है।