संसद ने महापत्तन प्राधिकरण विधेयक 2020 को मंजूरी दी

नई दिल्ली, नगर संवाददाता: संसद ने शुक्रवार को महापत्तन प्राधिकरण विधेयक 2020 को मंजूरी प्रदान कर दी जिसमें बड़े बंदरगाहों को सक्षम बनाने और उनकी व्यवस्था को मजबूत बनाने का उपबंध किया गया है। लोकसभा में पोत परिवहन मंत्री मनसुख मंडाविया ने विधेयक को पारित करने के लिये रखा और सदन ने इसे ध्वनिमत से मंजूरी प्रदान कर दी। इस विधेयक को 23 सितंबर 2020 को पहले ही लोकसभा पारित कर चुकी थी और 10 फरवरी 2021 को राज्यसभा ने संशोधनों के साथ इसे पारित किया था। शुक्रवार को राज्यसभा के संशोधनों के साथ विधेयक को पारित होने के लिये निचले सदन में लाया गया। सरकार का कहना है कि विधेयक के संबंध में स्थायी समिति की ज्यादातर सिफारिशों को स्वीकार कर लिया गया है और बंदरगाहों के प्रबंधन के लिए प्रस्तावित बोर्डों में विभिन्न क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व होगा। मंडाविया ने राज्यसभा में कहा था कि इसमें राज्य सरकार का भी प्रतिनिधित्व होगा और संबंधित क्षेत्रों के विशेषज्ञों को शामिल किया जाएगा। सरकार का कहना है कि बंदरगाहों को पीपीपी मॉडल (सार्वजनिक निजी भागीदारी) के तहत विकसित करने का फैसला किया गया है। इस विधेयक को लाने का उद्देश्य बड़े बंदरगाहों को सक्षम और उनकी व्यवस्था को मजबूत बनाना है। विधेयक के दस्तावेज के अनुसार, इसके तहत अधिनियम सूत्र में पृष्ठ 1 की पंक्ति 1 में 71वें के स्थान पर 72वें शब्द को प्रतिस्थापित किया गया है। इसके अलावा खंड 1 के पृष्ठ 1 की पंक्ति 5 में 2020 अंक के स्थान पर 2021 अंक लिखा गया है। खंड 2 के पृष्ठ 3 की पंक्ति 8 में अधिसूचित पद शब्द के स्थान पर अधिसूचित और अधिसूचित किया गया पद प्रतिस्थापित किया गया है। इसमें खंड 54 में ‘मुम्बई में होगा’ शब्द के स्थान पर ‘किसी ऐसे स्थान पर होगा जैसा कि केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित किया गया है’, प्रतिस्थापित किया गया है।

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