नई दिल्ली, नगर संवाददाताः बच्चों के अधिकारों व सुरक्षा को लेकर दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग और महिला एवं बाल विकास विभाग दिल्ली सरकार ने संयुक्त रूप से बाल कल्याण समितियों (सीडब्ल्यूसी), जिला बाल संरक्षण अधिकारी और जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड (जेजेबी) के लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की है।
दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने कहा कि प्रत्येक हितधारक को उस कार्य के उद्देश्य को समझना चाहिए, जोकि जेजेबी और सीडब्ल्यूसी को करना अनिवार्य है। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रत्येक बच्चे को न्याय मिले। साथ सीडब्ल्यूसी और जेजेबी को सरकार के बिना शर्त समर्थन की पेशकश की ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कोई भी बच्चा अपने अधिकारों से वंचित न रहे।
दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष अनुराग कुंडू ने अधिकारों की अपेक्षाओं और वास्तविकता के बीच बड़े अंतराल की ओर संकेत करते हुए कहा कि संस्थानों को अपनी प्रक्रियाओं को वास्तव में बाल केंद्रित बनाने की आवश्यकता है। वहीं, सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश बी. लोकुर का कहना था कि हितधारक को बच्चों के मनोविज्ञान के बारे में पता होना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि हर बच्चे को सर्वोत्तम सहायता दी जा सके।