सदन में उठा कस्तूरबा अस्पताल की नर्सो के हॉस्टल की इमारत का मुद्दा

नई दिल्ली, नगर संवाददाता: उत्तरी दिल्ली नगर निगम के कस्तूरबा अस्पताल की नर्सों के लिए बाहरी दिल्ली के बवाना रोड पर बनाई गई हॉस्टल की इमारत खंडहर होती जा रही है। लेकिन हॉस्टल का उपयोग आज तक नहीं किया जा सकता है। अस्पताल के डॉक्टर और नर्सों का कहना है कि हॉस्टल अस्पताल परिसर में होना चाहिए क्योंकि बवाना आना-जाना करीब 20 किलोमीटर से भी दूर पड़ता है। नर्सों के हॉस्टल को लेकर कांग्रेस दल के नेता व पार्षद मुकेश गोयल ने सदन की बैठक में सवाल उठाया था।

जानकारी के मुताबिक, उत्तरी दिल्ली नगर निगम जामा मस्जिद के समीप कस्तूरबा अस्पताल की नर्सों के लिए बाहरी दिल्ली के बवाना रोड पर पहले हॉस्टल बनाया गया था। कई साल बीत जाने के बाद भी हॉस्टल की इमारत का आज तक उपयोग नहीं किया गया है। हालत यह हो रही है कि हॉस्टल की इमारत धीरे-धीरे खंडहर में तब्दील होती जा रही है। इस संबंध में डॉक्टर और नर्सों का कहना है कि कस्तूरबा अस्पताल से बवाना स्थित हॉस्टल की दूरी ज्यादा है, सवाल यह है कि हॉस्टल अस्पताल परिसर में क्यों नहीं बनाया गया?

सदन की बैठक में हॉस्टल के मुद्दे को उठाते हुए कांग्रेस दल के पार्षद मुकेश गोयल ने कहा कि इन दिनों कस्तूरबा अस्पताल नई बिल्डिंग में चल रहा है। इस पुरानी बिल्डिंग को पुरातत्व विभाग का सर्वे कराकर रिलीफ दिलाते हुए उसे नर्सों के हॉस्टल के लिए उपयोग में क्यों नहीं लाया जा रहा है। उनका कहना है कि उत्तरी निगम की करीब 20 से अधिक संपत्तियां ऐसी पड़ी हैं, जिनका सही तरीके से निगम विभाग उपयोग नहीं कर रहा है।

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