मेडल पाने वाले छात्रों को ही बुलाया जाएगा

नई दिल्ली, नगर संवाददाता: दिल्ली विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह पूर्व में हुए दीक्षांत समारोह से अलग होगा। 27 फरवरी को होने वाले दीक्षांत समारोह को इस बार ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों मोड में करने का निर्णय लिया गया है। यही नहीं कोविड-19 से उपजी स्थिति के कारण इस बार का दीक्षांत समारोह पूर्व में हुए दीक्षांत समारोह से काफी छोटा होगा। यही नहीं डीयू से पीएचडी पूरी करने वाले छात्रों को इस बार दीक्षांत समारोह में निराश होना पड़ सकता है। इस दीक्षांत समारोह में केवल मेडल पाने वाले छात्रों को ही बुलाया जाएगा।

डीयू के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि अब तक की योजना के मुताबिक, इस बार दीक्षांत समारोह में केवल मेडल व अवॉर्डी छात्र ही बुलाए जाएंगे। इनकी संख्या लगभग 160 से 170 ही है। जबकि पहले इनके अलावा लगभग 700 पीएचडी छात्र तथा उनके अभिभावकों को भी बुलाया जाता था। इसके साथ ही डीयू के स्नातक तथा परास्नातक के लगभग 2 लाख से अधिक छात्रों के डिग्री की घोषणा की जाएगी।

ऑनलाइन भी होगा प्रसारण

डीयू में होने वाले दीक्षांत समारोह का लाइव प्रसारण भी होगा। ताकि डीयू से डिग्री लेने वाले छात्र इसे देख सकें और मुख्य अतिथि सहित बाकी लोगों का संबोधन सुन सकें। डीयू का परीक्षा विभाग दीक्षांत की जोर शोर से तैयारी कर रहा है।

राष्ट्रपति और गृहमंत्री को बुलाने की तैयारी

डीयू के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि डीयू के दीक्षांत समारोह में फिजिकल रूप में हम लोग राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अलावा गृहमंत्री अमित शाह को बुलाना चाहते हैं। केंद्रीय शिक्षा मंत्री भी इस कार्यक्रम का हिस्सा होंगे। इसके लिए उनसे संपर्क करने और उनकी उपलब्धता के बारे में जानने की कोशिश की जा रही है। हमें उम्मीद है कि वह डीयू में आएंगे। एक घंटे की भी उनकी उपस्थिति विश्वविद्यालय परिवार के लिए महत्वपूर्ण है।

अगले वर्ष का दीक्षांत समारोह होगा खास

डीयू मई 2022 में अपनी स्थापना के 100 साल पूरे करने जा रहा है। इसके लिए डीयू ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। जब डीयू 100 साल पूरे करेगा उस साल डीयू का दीक्षांत समारोह भी खास होगा। इसे भव्य तरीके से मनाने की तैयारी है। जिसमें डीयू दीक्षांत के साथ 100 साल की उपलब्धियों को भी साझा करेगा।

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