मोदीनगर, नगर संवाददाता: विधानसभा ग्रुप बी व सी की भर्ती परीक्षा देने आए अभ्यर्थियों के वाहन सड़क किनारे बेतरतीबी से खड़े होने के कारण दिल्ली-मेरठ हाईवे पर रविवार को भयंकर जाम लग गया। मेरठ से गाजियाबाद की ओर ज्यादा भयावह हालात रहे। कुछ वाहनों के विपरीत दिशा में आने से गाजियाबाद से मेरठ की तरफ भी जाम की स्थिति बन गई। देर शाम में हाईवे पर यातायात व्यवस्था सुचारू हो सकी।
बस अड्डे के नजदीक डा. केएन मोदी साइंस एंड कामर्स कालेज में बनाए गए केंद्र पर परीक्षा देने आए अभ्यर्थियों व उनके साथ आए अभिभावकों ने अपने वाहनों केंद्र के आसपास सड़क किनारे खड़े कर दिए। जिन लोगों को जगह नहीं मिली। उन्होंने अपने वाहनों को बीच सड़क पर ही खड़ा कर दिया, इससे सड़क पर केवल एक वाहन के निकलने की ही जगह ही बची। इसी कारण मेरठ से गाजियाबाद की ओर नौ बजे के आसपास ही वाहनों की कतारें गंदे नाले को पार कर गोविदपुरी तक जा पहुंची। पहले निकलने के चक्कर में कुछ लोगों ने अपने वाहनों को विपरीत दिशा में मोड़ दिया। इससे मेरठ से गाजियाबाद की ओर भी लोगों को जाम के झाम में फंसकर मुसीबत का सामना करना पड़ा। लोगों को मिनटों की दूरी को तय करने में एक घंटे से भी ज्यादा का वक्त लगा। देर शाम लोगों को जाम से राहत मिल सकी। उधर, हाईवे पर वीकेंड पर सामान्य दिनों में भी वाहनों की काफी अधिकता रहती है। इसके बावजूद पुलिस प्रशासन ने समय रहते कारगर कदम उठाने की जरूरत महसूस नहीं की। -मुरादनगर में भी रहा जामः रैपिड रेल निर्माण कार्य के चलते दिल्ली-मेरठ हाईवे पर मेरठ की तरफ जाम की स्थिति बनी हुई थी। लोगों को गंगनहर से लेकर काइट कालेज के सामने तक दिनभर जाम झेलना पड़ा। रात आठ बजे के बाद यातायात सुचारू हो सका। बड़ी संख्या में लोग जाम से बचने के लिए गंगनहर पटरी मार्ग से होकर गंतव्य तक पहुंचे। पाइपलाइन मार्ग पर भी वाहनों की संख्या हाईवे पर जाम के चलते काफी ज्यादा थी। -नहीं बनाई कोई योजनाः परीक्षा के चलते पुलिस-प्रशासनिक स्तर पर पहले से कोई योजना नहीं बनाई गई थी। इसी का नतीजा रहा कि हाईवे पर जाम लगा। यदि समय रहते परीक्षा देने आने वाले अभ्यर्थियों के वाहनों को खड़ा कराने की योजना बनाई जाती तो हाईवे पर जाम की स्थिति काफी हद तक नियंत्रण में रहती। राहगीरों के साथ-साथ स्थानीय लोगों ने भी पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया। इस बारे में सीओ सुनील कुमार सिंह का कहना है कि जाम को लेकर पूर्व में ही योजना तैयार कर ली गई थी। परीक्षा केंद्रों के आसपास पर्याप्त पुलिस बल तैनात था। इसी के चलते यातायात व्यवस्था काफी हद तक नियंत्रण में रही।