मनोज भाटी हत्याकांड में एसआईटी गठन की मांग

फरीदाबाद, नगर संवाददाता: मनोज भाटी हत्याकांड में सोमवार को मृतक के परिजन सेक्टर-21सी स्थित पुलिस आयुक्त कार्यालय पहुंचे। परिजनों ने हत्याकांड की निष्पक्ष जांच के लिए एसआईटी (स्पेशल इनवेस्टीगेशन टीम) के गठन, मुख्य आरोपी मनोज मांगरिया और उसके साले रवि कसाना को गिरफ्तार करने की मांग की। परिजनों का आरोप है कि रवि कसाना ही मनोज भाटी हत्याकांड का साजिशकर्ता है।

सोमवार सुबह 11 बजे मृतक के परिजन पुलिस आयुक्त कार्यालय पहुंचे। लोगों की संख्या काफी होने के कारण पुलिस आयुक्त कार्यालय पर पुलिस बल तैनात कर दिया गया था। यहां पीड़ित परिजनों ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उनकी तीन मांगे हैं। पहली एसआईटी का गठन करने की है। इस मामले की जांच सिर्फ एक ही अपराध जांच शाखा कर रही है। यह बड़ा मामला है। दूसरी मांग मनोज मांगरिया की गिरफ्तारी की है। वह मुख्य आरोपी है। उसने गोलियां भी चलाई थीं, मगर अभी तक पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर पाई है। तीसरी मांग मनोज मांगरिया के साले रवि कसाना की गिरफ्तारी की है। परिजनों का आरोप है कि रवि कसाना ने ही इस हत्याकांड का षड्यंत्र रचा था। 22 दिसंबर को रवि कसाना ने मनोज भाटी को अपने दफ्तर बुलाया था। किसी काम की वजह से वह उसके दफ्तर नहीं गए थे। 23 दिसंबर को उसका फिर से फोन आने पर जब वह उसके दफ्तर गए तो योजना के तहत मनोज भाटी का पीछा कर सेक्टर-30 श्रमिक विहार में हत्या कर दी गई। अमीपुर गांव की करीब तीन एकड़ से ज्यादा जमीन को हड़पने के लिए दबाव बनाया जा रहा ह,। जबकि जमीन का मालिक मनोज भाटी था। बंधवाड़ी गोलीकांड से मनोज भाटी का कोई लेना-देना नहीं था। परिजनों का आरोप है कि रवि कसाना पर बड़े राजनेता का हाथ है। इस वजह से पुलिस उससे पूछताछ नहीं कर रही है।

पुलिस आयुक्त ओपी सिंह से मिलकर परिजनों ने मामले की जांच पर संतुष्टि जाहिर की थी। उन्होंने सुरक्षा देने और शस्त्र लाइसेंस जारी करने की मांग की। पुलिस आयुक्त ने उनकी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया था। मुलाकात के दौरान बाकी मांगें नहीं की गई थीं।

परिजनों ने पत्रकारों को बताया कि मृतक के बड़े भाई हेमराज की जान पर भी खतरा बना हुआ है। एक-दो गाड़ियों में सवार संदिग्ध उसके भाई की रेकी करते देखे गए हैं। पुलिस को हेमराज की सुरक्षा का भी ध्यान रखना होगा।

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