एक आरोपी युवक की 4 अलग-अलग मामलों में जमानत याचिका खारिज

नई दिल्ली, नगर संवाददाता: उत्तर-पूर्वी दिल्ली में फरवरी महीने में भड़के साम्प्रदायिक दंगों के आरोपी एक युवक को अदालत ने चार अलग-अलग मामलों में जमानत देने से इनकार कर दिया है। चारों मामले दंगे से संबंधित हैं। अदालत ने आरोपी की जमानत याचिकाएं खारिज करते हुए कहा कि आरोपी दंगाई भीड़ का हिस्सा था।

कड़कड़डूमा स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव की अदालत ने आरोपी को जमानत पर रिहा करने से इनकार करते हुए कहा कि पुलिस द्वारा पेश साक्ष्यों में सीसीटीवी कैमरे की फुटेज अहम हिस्सा हैं। इन फुटेज में आरोपी अलग-अलग समय पर दंगे भड़काती भीड़ के साथ न केवल देखा गया है, बल्कि सक्रिय भी दिख रहा है। अदालत ने यह भी कहा कि आरोपी को चश्मदीद गवाह ने भी दंगाइयों के साथ देखने की पुष्टि की है। दंगे से संबंधित यह मामले करावल नगर थानाक्षेत्र के हैं।

अदालत ने आरोपी की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि सीसीटीवी फुटेज में आरोपी दूसरे समुदाय की दुकान में तोड़फोड़ करता हुआ भी नजर आ रहा है। इतना ही नहीं पुलिस ने उन कपड़ों को भी बरामद कर लिया है जोकि घटना के समय आरोपी ने पहन रखे थे। अदालत ने कहा कि आरोपी और पीड़ित पक्ष एक ही इलाके के रहने वाले हैं। अगर आरोपी को जमानत पर छोड़ा जाता है तो इससे पीड़ित पक्ष प्रभावित हो सकते हैं।

वहीं, आरोपी के वकील का दावा था कि उनके मुवक्किल को इस मामले में झूठा फंसाया गया है। उसके खिलाफ पुलिस के पास पुक्ष्ता साक्ष्य नहीं है। इसका विरोध करते हुए सरकारी वकील ने कहा कि आरोपी दंगाइयों की भीड़ का सक्रिय सदस्य था। उसने इलाके के घरों पर दुकानों पर हमला बोला। उसके खिलाफ दंगे के कई मामले हैं, जिनमें से चार में उसने जमानत याचिका दायर की है। अन्य मामलों में वह न्यायिक हिरासत में है।

अदालत ने तमाम तथ्यों को ध्यान में रखते हुए आरोपी को जमानत देने से इनकार कर दिया। ज्ञात रहे कि इसी साल 23 फरवरी से 26 फरवरी के बीच उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए साम्प्रदायिक दंगों में 53 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 200 से ज्यादा लोग जख्मी हुए थे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here