महाराष्ट्र/नगर संवाददाता : महराष्ट्र में लंबी सियासी उठापटक के बाद अब पहली बार शिवसेना, एनसपी और कांग्रेस की गठबंधन की सरकार बनने का रास्ता साफ हो गया है। सरकार गठन पर केंद्रीय स्तर पर एक राय बनने के बाद अब पूरा सेंटर दिल्ली से मुंबई शिफ्ट हो गया है। मुंबई में शाम 4 बजे शिवसेना.एनसीपी और कांग्रेस की गठबंधन सरकार बनाने को लेकर तीनों दलों के बड़े नेता एक साथ बैठेंगे। इसके बाद शनिवार को गठबंधन के नेता राज्यपाल से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश कर सकते हैं।
इस बीच शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री 5 साल शिवसेना का ही होगा। इससे पहले खबरें आ रही थी कि सरकार गठन को लेकर शिवसेना और एनसीपी में 50-50 फॉर्मूले पर सहमति बनी जिसमें पहले ढाई साल मुख्यमंत्री शिवसेना का होगा वहीं इसके बाद बाकी समय एनसीपी का मुख्यमंत्री होगा, लेकिन संजय राउत के बयान ने साफ कर दिया है कि अगर उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बनने को तैयार होते है को वह पांच साल सरकार का नेतृत्व करेंगे।
मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर भाजपा से 25 साल पुराना गठबंधन एक झटके में तोड़ने वाली शिवसेना क्या
मुख्यमंत्री पद पर एनसीपी और कांग्रेस को मनाने में तैयार हो गई है, इसके सियासी मायने तलाशे जा रहे है। इसके पीछे
गुरुवार रात शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और एनसीपी प्रमुख शरद पवार की मुलाकात अहम मानी जा रही है।
बताया जा रहा है कि शरद पवार ने सियासी समीकरणों को ध्यान में रखते हुए उद्धव ठाकरे को सरकार का नेतृत्व करने को कहा जिस पर उद्धव ठाकरे ने अपने सहमति दे दी है।
‘महा विकास अगाड़ी’
के नाम से बनने वाली गठबंधन सरकार में मंत्रियों को लेकर अब भी माथापच्ची का दौर जारी है। खबरों के मुताबकि मंत्री पद को लेकर 14-14-14 के फार्मूले पर सभी दल सहमत हो गए है। मंत्रिमंडल के स्वरूप और विभागों के बंटवारे को लेकर मुंबई में बैठकों का दौर जारी है।
फिलहाल महाराष्ट्र में चुनाव नतीजों के एक महीने पर आखिरकार गठबंधन की सरकार बनने का रास्ता अब लगभग साफ हो गया और यह तय हो गया है कि उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री होंगे।