बांग्लादेश के गेंदबाजों को नहीं मिली पहले टेस्ट मैच में स्विंग

इंदौर/नगर संवाददाता : मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के होलकर स्टेडियम में गुरुवार से शुरू हुए पहले टेस्ट मैच में भारतीय गेंदबाजों ने विकेटों से मिल रही स्विंग और स्पिन का भरपूर लाभ उठाते हुए बांग्लादेश की टीम को पहले ही दिन 58. 3 ओवर में 150 रनों पर ढेर हो गई। जवाब में भारत ने दिन का खेल खत्म होने के वक्त तक ‍26 ओवरों में 1 विकेट के नुकसान पर 86 रन बना लिए थे।
हैरत की बात है कि लाल मिट्‍टी से बने विकेट पर भारतीय गेंदबाजों मोहम्मद शमी, ईशांत शर्मा और उमेश यादव को अच्छी खासी स्विंग मिली यहां तक कि आर. अश्विन भी अपने मन के मुताबिक गेंद को स्पिन कराते नजर आए जबकि दिन में तेज धूप पड़ते ही विकेट सख्त हो गया और जैसे ही बांग्लादेश के बल्लेबाजों ने मोर्चा संभाला विकेट से स्विंग गायब हो गई।

दिन के बचे 26 ओवरों के खेल में होलकर स्टेडियम का विकेट पूरी तरह पाटा हो गया था और भारतीय बल्लेबाजों ने बांग्लादेश के तीनों गेंदबाजों की जमकर आरती उतारी। हालांकि आठवें ओवर में अबु जायद ने सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा (6) को पैवेलियन भेज दिया था, लेकिन उसके बाद चेतेश्वर पुजारा तो गेंदबाजों पर टूट ही पड़े।

खेल के आखिरी सत्र में पुजारा वनडे स्टाइल में खेल रहे थे। चूंकि होलकर की आउटफील्ड बहुत तेज है, लिहाजा गेंद फर्राटे से सीमा रेखा को चूमती रही। पुजारा ने 61 गेंदों में 7 चौकों की मदद से नाबाद 43 रन बनाए जबकि मयंक अग्रवाल दूसरे छोर पर 81 गेंदों में 6 चौकों के साथ 37 रन पर नाबाद लौटे।

बांग्लादेश के कप्तान मोइनुल हक ने तीन गेंदबाजों को इबादत हुसैन, अबु जायद और ताजुल इस्लाम को ही आजमाया। बांग्लादेश का कोई भी तेज गेंदबाज 130 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से काफी भीतर गेंदबाजी कर रहा था जबकि भारतीय गेंदबाजों की स्पीड 140 के उपर रहती है।

साफ जाहिर हो रहा था कि बांग्लादेश के अनुभवहीन गेंदबाज हैं और उन्हें भारत में खेले जाने वाले दोनों टेस्ट मैचों से कुछ सीखने को ही मिलेगा। यहां तक कि 37 टेस्ट मैचों का अनुभव रखने वाले 28 बरस के बांग्लादेशी कप्तान मोइनुल हक भी क्रिकेट के कुछ सबक सीखकर ही अपने देश लौटेंगे।
बांग्लादेश के लिए भी भारत में 2 टेस्ट खेलने का यह पहला मौका है। इससे पहले बांग्लादेश कभी भी भारत के खिलाफ यहां पर 2 टेस्ट नहीं खेला है। सभी खिलाड़ियों के लिए यह नया प्रसंग है लिहाजा उसके खिलाड़ी इसे गंभीरता से नहीं ले रहे है, जिसका प्रमाण लगातार 2 दिन के प्रेक्टिस सेशन में भी साफ नजर आया।

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