गुलाबी ठंड के बीच भारत और बांग्लादेश टेस्ट मैच का ठंडा माहौल

इंदौर/नगर संवाददाता : 14 नवम्बर से शुरू होने जा रहे पहले टेस्ट के लिए भारत और बांग्लादेश टीमों की आमद भले ही 3 दिन पूर्व हो गई थी लेकिन अभी तक खेल का माहौल ही नहीं बन पा रहा है। इंदौर में गुलाबी ठंड के बीच पहले टेस्ट मैच के लिए ठंडे-ठंडे माहौल ने यह आशंका प्रबल कर दी है कि होलकर स्टेडियम में यह दूसरा और आखिरी टेस्ट बनकर न रह जाए। विराट खुद भी देश में केवल 5 सेंटरों पर
टेस्ट की वकालत कर चुके हैं, जिसमें इंदौर का नाम नहीं है।

क्रिकेट दीवानों से सड़कें सूनी-सूनी: बुधवार को शाम का वक्त कोई पौंने 5 बज रहे थे और जंजीर वाला चौराहे से लेकर जीएसआईटीएस जाने वाले रोड पर सायरन बजाती पुलिस की गाड़ियां और रोजाना की तरह ट्रैफिक आराम से चल रहा था, जबकि 5 बजे बांग्लादेश की टीम प्रेक्टिस करके इसी रास्ते से होटल वापस आने वाली थी लेकिन सड़क पर यातायात सुचारू रूप से चल रहा था।
बांग्लादेश के बजाय टीम इंडिया जोश में: पहले टेस्ट मैच के लिए दोनों दिन टीम इंडिया ने जमकर पसीना बहाया। विराट के वीर इस टेस्ट को लेकर काफी जोश में हैं जबकि दूसरी तरफ बांग्लादेश के क्रिकेटर अभ्यास में सुस्त नजर आए। स्थानीय क्रिकेटरों ने उन्हें
बल्लेबाजी का अभ्यास कराया। कुछ देर बाद जब वे आराम से बतिया रहे थेए तब कोच डेनियल विटोरी फुटबॉल लेकर आ गए और उन्हें
वॉर्मअप कराते रहे। ऐसा लगता है कि बांग्लादेश ने मैच शुरू होने से पहले ही हथियार डाल दिए हैं।

बड़ी संख्या में लड़कियां पहुंची: बुधवार को टीम इंडिया प्रेक्टिस के लिए सुबह 9 बजे होलकर स्टेडियम पहुंचने वाली थी। टीम से पहले ही मेनगेट के बाहर लड़कियों का हुजूम जमा हो गया था। ये लड़कियां अपने पसंदीदा क्रिकेटर की एक झलक पाने के लिए उतावली हुई जा रही थीं।

सड़कों पर कहीं कोई माहौल नहीं:
जब भी इंदौर में मैच होता है तो जंजीर वाला चौराहे से लेकर अभय प्रशाल तक झंडे-बैनर बेचने वालों
की कतार लग जाया करती थी लेकिन भारत.बांग्लादेश टेस्ट मैच को लेकर कोई माहौल नजर नहीं आ रहा है। वनडे और टी20 के मैचों में पागलपन दिखाने वाले इंदौरी दर्शकों में टेस्ट को लेकर कोई ज्यादा दिलचस्पी नहीं है। फ्री पास की जुगाड़ के लिए भी किसी तरह की कोई मारामारी नहीं है।
शाम को पूरा मैदान कवर किया: पिच क्यूरेटर ने मेन पिच पर दरी डालने के बाद उसे ब्रिटेन से मंगाए कवर्स से ढका। पिच ढकने के
पहले ग्रासकटर मशीन का उपयोग किया गया और हल्की रोलिंग भी की गई। चूंकि रात में ओस गिरती है लिहाजा शाम पौने 6 बजे ही पूरे मैदान पर भी कवर्स डाल दिए गए थे। यही नहीं, चूंकि अंधेरा घिर आया था, लिहाजा पूरे स्टेडियम को फ्लड लाइट से जगमग कर दिया गया था।

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