चंडीगढ़/नगर संवाददाता : हरियाणा विधानसभा के चुनावी दंगल में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के 8 मंत्री भी चारों खाने चित्त हो गए। भाजपा ने अपने 10 मंत्रियों को चुनाव मैदान में उतारा था, लेकिन इनमें से महज 2 ही जीत दर्ज करने में कामयाब रहे। कैबिनेट मंत्री और 5 बार विधायक रहे अनिल विज अपनी पारंपरिक सीट अंबाला छावनी से जीत गए हैं, वहीं राज्यमंत्री डॉ. बनवारी लाल ने भी बावल सीट से जीत दर्ज की है।
हारने वाले मंत्रियों में रामबिलास शर्मा (महेंद्रगढ़), कैप्टन अभिमन्यु (नारनौंद), ओमप्रकाश धनखड़ (बादलीं), कविता जैन (सोनीपत), कृष्णलाल पंवार (इसराना), मनीष कुमार ग्रोवर (रोहतक), कृष्ण कुमार बेदी (शाहबाद) और कर्ण देव कांबोज (रादौर) शामिल हैं। भाजपा ने अपने दो मंत्रियों-विपुल गोयल और राव नरबीर सिंह को टिकट नहीं दिया था। मुख्यमंत्री खट्टर ने करनाल सीट बरकरार रखी है।
सत्तारूढ़ भाजपा के कई और प्रमुख नेताओं के सितारे गर्दिश में मिल गए जिनमें पार्टी के प्रदेश प्रमुख सुभाष बराला भी शामिल हैं। वे टोहाना सीट पर जजपा के देवेन्द्र सिंह से 52,302 मतों के भारी अंतर से हार गए।
विपक्षी पार्टी कांग्रेस के लिए कैथल सीट के नतीजे काफी सदमा पहुंचाने वाले रहे जहां उसके वरिष्ठ पार्टी नेता रणदीप सुरजेवाला भाजपा के लीलाराम से हार गए।
तीन बार विधायक रहे और कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता को 1246 मतों से हार का मुंह देखना पड़ा। सुरजेवाला के लिए यह दूसरा बड़ा झटका है। इससे पहले वह इसी साल की शुरुआत में जींद उपचुनाव में हार गए थे।
कांग्रेस उम्मीदवार और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप शर्मा को भी भाजपा की निर्मल रानी से गन्नौर सीट पर पटखनी खानी पड़ी। शर्मा 10 हजार से अधिक मतों के अंतर से हार गए।
भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) के पूर्व अध्यक्ष रणबीर सिंह महिन्द्रा की हार कांग्रेस के लिए एक और बड़ा सदमा साबित हुई। वे जजपा की नैना चौटाला से भादरा सीट पर 13 हजार से अधिक मतों के अंतर से हार गए।
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता करण दलाल और आनंद सिंह डांगी भी चुनावी खेल में मात खा गए। दलाल को जहां पलवल से भाजपा के दीपक मंगला ने हराया तो वहीं डांगी जैसे दिग्गज को निर्दलीय उम्मीदवार बलराज कुंडू ने महम की धरती पर धूल चटाई।
चुनाव से कुछ समय पहले ही इनेलो से पाला बदलकर आए कांग्रेस उम्मीदवार अशोक अरोड़ा को थानेसर सीट पर भाजपा के सुभाष सुधा ने चित्त कर दिया।