नई दिल्ली/नगर संवाददाता : देश के खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री ही अगर मिलावट के शिकार हो जाएं तो इसे आप क्या कहेंगे। ऐसा ही वाकया हुआ खाद्य आपूर्ति मंत्री रामविलास पासवान के साथ। पासवान ने घर में रशियन सलाद बनाने के लिए सेब मंगाए गए थे और इनकी कीमत थी 420 रुपए किलो।
जब इन सेब को प्रयोग से पहले पानी से धोया गया था तो मोम की परत का खुलासा हुआ। इतना ही नहीं, चाकू से खुरचने के बाद सेब पर से बड़ी मात्रा में मोम को निकाला गया। खबरों के अनुसार मंत्रीजी ने ये सेब दिल्ली में बड़े लोगों का बाजार माने जाने वाले खान मार्केट की एक दुकान से खरीदे थे। सेब से मोम निकलने के बाद खाद्य और खानपान से जुड़ी कई एजेंसियों ने दुकानदार के खिलाफ कार्रवाई की है। सेब को कई दिनों तक ताजा और चमकदार बनाने रखने के लिए उस पर सेब की परत चढ़ाई जाती है।
जानलेवा हो सकता है मोम परत चढ़ा सेब: सामान्य तौर पर सेब की चमक बढ़ाने और ताजा रखने के लिए हनीवेक्स (मधुमक्खी के शहद से निकलने वाले मोम) का प्रयोग किया जाता है, लेकिन इसकी लागत काफी अधिक होती है। इसलिए लोग इसकी जगह सिंथेटिक वेक्स का उपयोग करते हैं जिसमें कई हानिकारक केमिकल मिले होते हैं।
फल बेचने वाले सेब पर केमिकलयुक्त मोम की लेयर चढ़ाते हैं, जो खाने वाले के लिए जानलेवा हो सकती है। इस मोम की परत में आर्सेनिक एसिड सहित कई केमिकल्स मिले होते हैं। इनका लगातार प्रयोग स्वास्थ्य के लिए बेहद घातक हो सकता है। आर्सेनिक एसिड कई गंभीर बीमारियों को जन्म देता हैं। ऐसे सेब के लगातार सेवन से मोम आंतों में जम जाता है। इससे पेट संबंधी बीमारियों का खतरा बना रहता है।
ऐसे लगा सकते हैं मोम की परत का पता: जब भी बाजार से आप सेब खरीदकर लाएं तो अगर वे ज्यादा चमकदार दिखाई दे रहे हैं तो उन्हें हल्के गर्म पानी से धोएं, इससे मोम की परत का पता लग जाएगा। सेब को धोकर, साफ कपड़े से पोंछकर ही खाएं।