किसान आंदोलन पर भाजपा में खींचतान, शिवराज और संगठन ने किया अलग-अलग आंदोलन का ऐलान

भोपाल/नगक संवाददाता  : मध्य प्रदेश में किसानों के मुद्दे पर आंदोलन को लेकर भाजपा के अंदरखाने की सियासत में एक बार फिर पार्टी के बड़े नेताओं के बीच आपसी खींचतान सामने देखने को मिल रही है। प्रदेश में लगातार बारिश और बाढ़ से बड़े पैमाने पर किसानों की फसल बर्बाद हुई है। बर्बाद हुए किसानों को मुआवजा दिलाने के लिए भाजपा ने कमलनाथ सरकार पर दबाव बनाना शुरु कर दिया है।

दबाव बनाने की इसी सियासत में पार्टी के बड़े नेताओं के बीच आपसी मतभेद एक बार फिर दिखाई दे रहे है। किसान आंदोलन की रणनीति को लेकर पार्टी के बड़े नेताओं के बीच सांमजस्य और तालमेल का अभाव साफ दिखाई दे रहा है। एक ही मुद्दे पर पार्टी का प्रदेश संगठन और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अलग-अलग तारीखों पर आंदोलन का एलान कर दिया है।
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बाढ़ से प्रभावित हुई फसलों की जमीनी हकीकत देखने के लिए इस समय मंदसौर के दौरे पर है। मंदसौर निकलने से पहले रविवार को मीडिया से बात करते हुए शिवराज ने सरकार से किसानों को तुरंत मुआवजा देने की मांग करते हुए चेतावनी दी है कि अगर किसानों को 21 सितंबर तक मुआवजा नहीं दिया गया तो वह 22 सितंबर को सड़क पर उतरकर आंदोलन करेंगे। शिवराज ने किसानों के लिए एक वाट्सअप नंबर जारी करते हुए उनसे अपनी खराब फसल की फोटो और वीडियो भेजने की भी अपील की है जिसके सहारे वह सरकार के साथ पूरे मुद्दे पर बात कर सके।

किसानों के मुद्दे पर आंदोलन की चेतावनी दिए शिवराज को चौबीस घंटे भी नहीं हुए थे कि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राकेश सिंह ने 20 सितंबर को पूरे प्रदेश में पार्टी के आंदोलन का एलान कर दिया। पार्टी किसानों को मुआवजा और राहत राशि देने के लिए पूरे प्रदेश में विधानसभा स्तर पर प्रदर्शन करेगी।

मजेदार बात यह है कि भाजपा संगठन की तरफ से जब पूरे प्रदेश में आंदोलन की घोषणा की जा रही थी तब मंदसौर में शिवराज इस मुद्दे को राजनीति से दूर रखकर सबको एक साथ आकर बाढ़ पीड़ितों की मदद की अपील कर रहे थे।

कांग्रेस ने कसा तंज. किसानों के मुद्दे पर भाजपा में मचे इस आपसी खींचतान पर कांग्रेस ने तंज कसा है। कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने कहा कि अब मध्य प्रदेश में दो भाजपा हैए एक का नेतृत्व शिवराजजी के पास और दसूरी का राकेश सिंह के पास। एक का किसानों को लेकर आंदोलन 20 सितंबर को और दूसरी का 22 का। इन्हें किसानों की कोई चिंती नहीं यह तो बस आपसी शक्ति प्रदर्शन में लगे है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here