जम्मू कश्मीर/नगर संवाददाता: जम्मू कश्मीर पर दुनिया भर के साथ खुद अपने देश में अलग.थलग पड़ने के बाद अब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान दुनिया के सामने इस्लाम का रोना रो रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय बिरादरी के सामने इमरान खान खुद को कश्मीर के मुसलमानों की आवाज बुलंद करने वाले मुस्लिमों के ब्रांड एंबेसडर के तौर पर पेश कर रहे हैं। इसके साथ ही वे मुस्लिम देशों के सामने इस्लाम के खतरे में होने का राग गाकर कश्मीर मुद्दे को धार्मिक रंग देने की कोशिश में लगे हुए है।
कश्मीर में आतंकवाद
पर मुस्लिम कार्ड: जम्मू कश्मीर पर पूरी दुनिया में अलग थलग पड़े पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अब मुस्लिम देशों की सहानुभूति लेने की कोशिश में लगे हुए है। रविवार को 56वें कन्वेंशन ऑफ इस्लामिक सोसाइटी ऑफ नॉर्थ अमरीका (आईएसएनए) की बैठक में इमरान खान ने आतंकवाद को इस्लाम से जोड़ते हुए कहा कि किसी एक शख्स के जुर्म के लिए पूरे समुदाय को बदनाम नहीं किया जा सकता।
उन्होंने कहा कि आतंकवाद को धर्म से नहीं जोड़ा जाना चाहिए आखिर मुसलमानों को संदिग्ध के तौर पर क्यों देखा जाता है? इसके साथ ही इमरान खान ने कश्मीर में सीमापार से आने वाले आतंकवाद पर अपना चेहरा छिपाने के लिए आरोप लगाया कि भारत कश्मीरियों के संघर्ष को भी आतंकवाद से जोड़ता है। उन्होंने मोदी सरकार पर इस्लामिक आतंकवाद के नाम पर मुसलमानों को दबाने का आरोप भी लगाया।
इससे पहले पिछले दिनों कश्मीरी ऑवर से दौरान इमरान खान ने कश्मीर पर मुस्लिम कार्ड खेलते हुए कहा था कि अगर कश्मीरी मुस्लिम नहीं होते तो पूरी दुनिया उनके साथ खड़ी होती। संयुक्त राष्ट्र संघ के कश्मीर मामले में हस्तक्षेप नहीं करने पर बौखलाए इमरान ने कहा कि जब दुनिया को कश्मीर के लिए खड़ा होना चाहिए था तब धर्म इसमें अहम रुकावट साबित हो रहा है, अगर कश्मीरी मुस्लिम नहीं होते तो दुनिया की प्रतिक्रिया ज्यादा मजबूत तरीके से सामने आती।
कश्मीर पर पाकिस्तान के सबसे खास मित्र सऊदी अरब और खाड़ी के अधिकतर देशों ने भी भारत का साथ दिया है। इसके साथ मलेशिया, तुर्की जैसे देश भी कश्मीर के मामले पर भारत के साथ खड़े नजर आए। इसके चलते खिसियाए इमरान अब हर मंच पर कश्मीर मामले को मुस्लिम रंग देकर सहानुभूति लेने की कोशिश कर रहे है।
मुसलमानों को दिखा रहे मोदी का डर: पाकिस्तान में बतौर प्रधानमंत्री फेल होने वाले इमरान खान अब अपना अस्तित्व बचाने के लिए अपनी आवाम के साथ भारत के मुसलमानों को मोदी का डर दिखा कर भड़काने की एक असफल कोशिश कर रहे है। इमरान ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने पर मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था भाजपा की कोशिशें सिर्फ भारत प्रशासित कश्मीर तक सीमित नहीं रहेगी बल्कि अगला निशाना भारतीय मुसलमान और फिर पाकिस्तान होगा। उन्होंने इसके लिए आरएसएस की विचाराधारा को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि भारत के कट्टर हिंदू पाकिस्तान की स्थापना से कभी खुश नहीं थो और अब इसके खात्मा करने की इच्छा रखते है।
तमाम असफल कोशिशों के बाद भी अब जब इमरान खान को महसूस हो रहा है कि वह पीएम मोदी के खिलाफ किसी भी तरह खड़े नहीं हो पा रहे है तो वो अब भारत के आंतरिक मामलों में दखल देकर उसको संप्रादायिक रंग देने की कोशिश करने लगे है।
असम में पिछले दिनों आई एनआरसी की लिस्ट पर ट्वीट करते हुए इमरान ने कहा कि भारत और अंतरराष्ट्रीय मीडिया में आ रही मोदी सरकार की मुसलमानों के नस्लीय सफाये की रिपोर्ट से दुनिया भर में चिंता पैदा होनी चाहिए कि कश्मीर पर अवैध कब्जा मुसलमानों को निशाना बनाने की व्यापक नीति का हिस्सा है।
पाकिस्तान में प्रधानमंत्री बनने के बाद से ही इमरान खान वहां की सेना और कट्टरपंथियों के इशारे पर ही काम कर रहे है। ऐसे में अब जब पाकिस्तान क आंतरिक हालात इमरान के काबू से बाहर हो गए है तब वह मुस्लिम कार्ड खेलकर अपना अस्तित्व बचाने की कोशिश कर रहे है।