कश्मीर पर ट्‍वीट कर उलझीं जेएनयू छात्रा शहला राशिदए सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला

दिल्ली/नगर संवददाता : नई दिल्ली। मूल रूप से कश्मीर की रहने वालीं और जेएनयू की पूर्व छात्र नेता शहला राशिद कश्मीर पर अपने विवादित ट्‍वीट के कारण मुश्किल में फंस गई हैं। एक वकील ने इस सिलसिले में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और शहला पर झूठ फैलाने और गुमराह करने का आरोप लगाया है।

दूसरी ओर सेना ने शहला के आरोपों का खंडन करते हुए उन्हें तथ्यहीन बताया है। अलख आलोक श्रीवास्तव नामक वकील ने सुप्रीम कोर्ट में दी गई गई अपनी शिकायत में शहला पर झूठ फैलाने और गुमराह करने का आरोप लगाया है। साथ ही उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की है। शहला ने अपने ट्‍वीट्‍स में दावा किया था कि कश्मीर के हालात बहुत खराब हैं।

श्रीवास्तव ने शहला के ट्‍वीट्‍स को आधार बनाते हुए उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की 124 ए, 153ए 153 ए, 504, 505 और आईटी एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई किए जाने की मांग की है।

क्या कहा शहला ने : शहला ने कश्मीर को लेकर कई ट्‍वीट्‍स किए और दावा किया कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद कश्मीर में हालात बहुत खराब हैं। सेना और पुलिस के कर्मचारी आम कश्मीरियों के घरों में घुस रहे हैं। उन्हें सताया जा रहा है।

उन्होंने एक ट्‍वीट में कहा कि शोपियां में 4 लोगों को आर्मी कैंप में बुलाया गया। वहां पूरे क्षेत्र में भय का माहौल बनाया जा रहा है। एक अन्य ट्‍वीट में शहला ने कहा कि जम्मू कश्मीर पुलिस के पास कोई अधिकार नहीं हैं। सब कुछ अर्धसैनिक बलों के हाथों में है।

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