लखनऊ, उत्तर प्रदेश/नगर संवाददाताः विदेश में जाकर उच्च शिक्षा हासिल करने के इच्छुक छात्रों की मदद अब उत्तर प्रदेश सरकार करेगी। उन्हें इसके लिए फॉरेन एजुकेशन एंड रिसर्च स्कालरशिप के तहत आर्थिक मदद मुहैया कराई जाएगी, हालांकि यह धनराशि उन्हें बाद में वापस करनी होगी। छात्रों को इसके लिए कोई ब्याज नहीं देना होगा। अगले सत्र से यह योजना शुरू की जा सकती है। समाज कल्याण विभाग अभी प्रदेश या प्रदेश से बाहर के शिक्षण संस्थाओं में पढ़ने वाले छात्रों की शुल्क प्रतिपूर्ति करता है। इनमें कई छात्र ऐसे होते हैं जो उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाना चाहते हैं लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर होने के नाते नहीं जा पाते। समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री के अनुसार विभाग ऐसे छात्रों का सपना पूरा करेगा। हालांकि सिर्फ उच्च शिक्षा के लिए ही यह योजना लागू की जाएगी। योजना में उन्हीं छात्रों को शामिल किए जाने की योजना है, जिनके माता-पिता की सालाना आय छह लाख से कम हो। गौरतलब है कि पूर्व की समाजवादी सरकार में भी इस योजना का प्रस्ताव किया गया था लेकिन, इसे अमल में नहीं लाया जा सका। योजना के तहत एक भी छात्र को विदेश में शिक्षा के लिए नहीं भेजा गया था। नौकरी मिलने पर लौटानी होगी धनराशि: शिक्षा पूरी होने के बाद नौकरी मिलने पर छात्रों को यह धनराशि वापस करनी होगी। फिलहाल इस राशि को ब्याज मुक्त रखने का प्रस्ताव है लेकिन आगे चलकर मामूली ब्याज का प्रावधान भी किया जा सकता है।