मेरठ, उत्तर प्रदेश/नगर संवाददाताः विधानसभा चुनावों से पहले जाट आरक्षण पर गरमाई राजनीति पर भाजपा हाई अलर्ट मोड में आ गई। गुरुवार को केंद्रीय राज्यमंत्री संजीव बालियान और हरियाणा के वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने मेरठ में जाट समाज के कद्दावर नेताओं एवं पदाधिकारियों के साथ बैठक कर आरक्षण पर मोदी सरकार का रुख साफ किया। भरोसा दिया कि जाट आरक्षण पूरी प्रक्रिया के तहत लागू करने का प्रयास किया जाएगा, जिससे वह कोर्ट में खारिज न हो सके। केंद्रीय जल संसाधन राज्यमंत्री बालियान ने गुरुवार को प्रेस वार्ता में कहा कि पिछली बार कांग्रेस सरकार ने आचार संहिता से एक दिन पहले आनन-फानन में जाट आरक्षण को हरी झंडी दे दी, जबकि इसके लिए केंद्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा सर्वे रिपोर्ट नहीं बनाई गई थी। आयोग के तत्कालीन चेयरमैन ने सुप्रीम कोर्ट में जाट आरक्षण का विरोध कर अड़ंगा लगा दिया था। अब नए चेयरमैन की नियुक्ति हुई है। भरोसा दिया कि केंद्र सरकार संवैधानिक प्रक्रिया के तहत जाट आरक्षण पर आगे बढ़ेगी। केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने कहा कि भाजपा ने ही यूपी, दिल्ली और राजस्थान में जाटों को आरक्षण दिया, ऐसे में पार्टी की नीयत पूरी तरह साफ है। सात फरवरी को दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने जाट महासभा के पदाधिकारियों के साथ बैठक की थी। इसी क्रम में जाट समाज की पंचायत यहां की गई। जाट महासभा के महासचिव युद्धवीर सिंह ने जाट आरक्षण का मुद्दा उठाया तो केंद्रीय मंत्री डा. संजीव बालियान और हरियाणा सरकार के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने इस मुद्दे पर भाजपा का पक्ष रखा। वक्ताओं ने मुजफ्फरनगर दंगों में प्रदेश सरकार को कटघरे में खड़ा किया। केंद्र में जाट समाज को ज्यादा प्रतिनिधित्व देने की मांग भी उठी। सभा में आठ जिलों से आए लोगों ने भाग लिया, जिसमें जाट सभा के अध्यक्ष ओमप्रकाश महान समेत कई अन्य शामिल हुए।