जल संरक्षण के प्रयासों में जनता को जोड़ना होगा अहमः मोदी

भोपाल/नई दिल्ली, नगर संवाददाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि जल संरक्षण से जुड़े अभियानों में जनता और सामाजिक संगठनों को साथ लाना होगा क्योंकि किसी भी अभियान में जनता के जुड़ने से उसमें अभियान के प्रति ‘सेंस ऑफ ओनरशिप’ आती है।
श्री मोदी यहां आयोजित प्रथम अखिल भारतीय राज्य मंत्रियों का सम्मेलन ‘वाटर विजन / 2047’ को वर्चुअली संबोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी उपस्थित रहे।
इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि जल मंत्रियों का सम्मेलन अहम है। संवैधानिक व्यवस्था में पानी का विषय राज्यों के नियंत्रण में हैं। राज्यों के प्रयास सामूहिक लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायक साबित होंगे। उन्होंने कहा कि किसी भी कार्य में सरकार के अकेले प्रयास से सफलता नहीं आती। जल संरक्षण से जुड़े अभियानों में भी जनता, सामाजिक संगठन और सिविल सोसाइटी को जोड़ना होगा। उन्होंने कहा कि जनभागीदारी का एक और पक्ष भी है। कुछ लोग सोचते हैं कि जनभागीदारी से सरकार की जिम्मेदारी कम हो जाती है। पर ऐसा नहीं है। जनभागीदारी का बड़ा लाभ ये है कि जनता को भी पूरी प्रक्रिया में लगी मेहनत पता चलती है। अभियान में जनता जुड़ती है तो नागरिकों में ‘सेंस ऑफ ओनरशिपश् भी आती है, जो सफलता की सबसे बड़ी कुंजी है। उन्होंने कहा कि श्स्वच्छ भारत अभियानश् इसका बड़ा उदाहरण है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसी अभियान की तरह अब जल संरक्षण के प्रति भी जनभागीदारी की सोच जनता में जगानी है। इसी क्रम में उन्होंने कहा कि जलजागरुकता महोत्सव आयोजित किए जा सकते हैं। साथ ही स्थानीय मेलों में पानी की जागरुकता के लिए कई प्रयास किए जा सकते हैं। उन्होंने इस कार्य से नई पीढ़ी को जोड़ने का भी आग्रह किया। श्री मोदी ने कहा कि इंडस्ट्री और खेती दोनों ही क्षेत्रों को पानी की आवश्यकता होती है। इन दोनों ही क्षेत्रों से जुड़े लोगों में विशेष अभियान चलाकर जल सुरक्षा के प्रति जागरुकता लानी होगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत सभी राज्यों में काम हो रहा है। जल संरक्षण के लिए केंद्र ने अटल भूजल संरक्षण योजना शुरु की है। इसे आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि नदियां और अन्य जलस्रोत जल पारिस्थतिकी तंत्र का सबसे अहम हिस्सा हैं। ये बाहरी कारकों से प्रदूषित न हों, इसके लिए हर राज्य को कार्य करना होगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here