नोएडा, नगर संवाददाता: पुलिस ने ऑनलाइन एप के माध्यम से क्रिकेट सट्टा खिलाने और लगाने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर सरगना सहित तीन आरोपियों को गुरुवार रात को सेक्टर 60 से गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपियों से 4.50 लाख रुपये, फर्जी आधार कार्ड समेत अन्य सामान बरामद किया है।
एडीसीपी रणविजय सिंह ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि कुछ लोग मोबाइल एप से ऑनलाइन क्रिकेट सट्टा लगा रहे हैं। सूचना मिलने के बाद पुलिस सेक्टर 60 मिंडा चौराहे पर पहुंची और तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपियों की पहचान गाजियाबाद के नंदग्राम निवासी पंकज गिरी, शिवम चौहान और शिवम कुमार के रूप में हुई। पुलिस ने आरोपियों से सट्टे के 4.50 लाख रुपये, विभिन्न बैंकों के 26 डेबिट कार्ड, नौ फर्जी आधार कार्ड, छह मोबाइल और एक बाइक बरामद की है। गिरोह का एक और बदमाश सेक्टर 12, 22 निवासी सलमान फरार है।
गिरोह का सरगना पंकज गिरी है। आरोपी मोबाइल एप के माध्यम से इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल), सीपीएल, बिग बैश क्रिकेट लीग, अबुधाबी क्रिकेट लीग और क्रिकेट लाइन गुरु सहित अन्य क्रिकेट मैचों में सट्टा लगाते हैं। आरोपी अधिकतर ऑनलाइन साइट पर चल रहे सट्टा किंग के माध्यम से सट्टा खिलवाते भी हैं।
एडीसीपी ने बताया कि गिरोह दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ के अलावा एनसीआर से जुड़े अन्य शहरों में भी सक्रिय है। पुलिस गिरोह के अन्य बदमाशों के बारे में जानकारी जुटा रही है। पुलिस को आरोपियों के मोबाइल से कुछ संदिग्धों के नाम व पते की जानकारी भी मिली है। उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीमें रवाना कर दी गई है।
गिरोह के बदमाश सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों से जुड़ते थे। फिर उन्हें जल्दी पैसा कमाने का लालच देकर सट्टा खिलाते थे। आरोपियों ने खुलासा किया कि उन्होंने फर्जी आधार कार्ड से विभिन्न बैंकों में फर्जी खाते खुलवा रखे हैं। आरोपी इन्हीं खातों में सट्टे के पैसे को ट्रांसफर करते थे।
पुलिस ने आरोपियों से जो डेबिट कार्ड बरामद किए हैं, वह उन्होंने अपने दोस्त संदीप व हिमांशु से 30-30 हजार रुपये में खरीदे थे। यह डेबिट कार्ड भी फर्जी बैंक खातों के थे। इन कार्ड से ही एटीएम से पैसा निकालते थे। वर्तमान में संदीप और हिमांशु एक अन्य मामले में गाजियाबाद की डासना जेल में बंद हैं। गिरोह के सरगना पंकज गिरी ने आरोपी शिवम कुमार और शिवम चौहान को एटीएम से सट्टे का पैसा निकालने के लिए रखा है। यह दोनों ही पैसा निकालकर पंकज को लाकर देते थे। आरोपी दूसरे शहर जाकर एटीएम से रुपये निकालते थे, ताकि पुलिस को भनक न लगे। इसके एवज में पंकज दोनों आरोपियों को प्रतिमाह आठ-आठ हजार रुपये देता था।
गिरोह क्रिकेट सट्टे के माध्यम से एक महीने में 65 से 70 लाख रुपये का ट्रांजेक्शन करते थे। मैच के दौरान आरोपी किसी एक नंबर पर पैसा लगवाते थे। पुलिस को आरोपियों के मोबाइल से सट्टे से संबंधित स्क्रीन शॉट के 13 प्रिंट आउट और चौटिंग मिली है। आरोपी पिछले करीब आठ महीने से नोएडा में सक्रिय थे।