तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने अमित शाह से मुलाकात की, त्रिपुरा में पुलिस हिंसा का आरोप लगाया

नई दिल्ली, नगर संवाददाता: तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और त्रिपुरा में पुलिस पर हिंसा का आरोप लगाया।
गृह मंत्रालय के बाहर सोमवार की सुबह से धरने पर बैठे सांसदों को दोपहर में शाह से मिलने का समय दिया गया।
तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा, ‘‘हमने उन्हें विस्तार से बताया कि कैसे नेताओं को गिरफ्तार किया जा रहा है और सांसदों को पीटा जा रहा है। उन्होंने हमें बताया कि उन्होंने कल त्रिपुरा के मुख्यमंत्री से फोन पर बात की थी और हमें आश्वासन दिया कि वह राज्य से रिपोर्ट मांगेंगे।’’
प्रतिनिधिमंडल में सुखेंदु शेखर रॉय, शांतनु सेन, कल्याण बनर्जी, डेरेक ओ ब्रायन, माला रॉय और 11 अन्य सांसद शामिल थे।
दिल्ली पहुंच रहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की भी इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलने की योजना है।
तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने शाह पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री ने ‘‘अभी तक शिष्टाचार नहीं दिखाया है।’’ उन्होंने दिल्ली के लिए रवाना होने से पहले पत्रकारों से कहा, ‘‘अपनी दिल्ली यात्रा के दौरान, मैं प्रधानमंत्री से मिलूंगी। राज्य से संबंधित विभिन्न मामलों के अलावा, मैं सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अधिकार क्षेत्र में वृद्धि के साथ-साथ त्रिपुरा हिंसा से संबंधित मुद्दों को उठाऊंगी।’’
बनर्जी ने आश्चर्य व्यक्त किया कि मानवाधिकार आयोग पूर्वोत्तर राज्य में क्रूर बल के उपयोग पर ‘‘संज्ञान क्यों नहीं ले रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘त्रिपुरा के मुख्यमंत्री (बिप्लब देब) और उनकी सरकार उच्चतम न्यायालय के निर्देश की अवहेलना कर रही हैं। उन्हें आम लोगों को जवाब देना होगा। मैं उच्चतर न्यायपालिका से उनकी सरकार के खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई करने की अपील करूंगी।’’
त्रिपुरा पुलिस ने रविवार को तृणमूल कांग्रेस की नेता सायनी घोष को हत्या के प्रयास के आरोप में गिरफ्तार किया था, जब उन्होंने शनिवार रात ‘‘खेला होबे’’ के नारे लगा कर राज्य के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब की एक बैठक को कथित रूप से बाधित कर दिया था।
पुलिस के एक अधिकारी ने कहा था कि घोष को अगरतला के एक पुलिस थाने में पूछताछ के लिए बुलाए जाने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया।
उच्चतम न्यायालय ने हाल में त्रिपुरा पुलिस को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि किसी भी राजनीतिक दल को शांतिपूर्ण तरीके से प्रचार करने के लिए कानून के अनुसार अपने अधिकारों का उपयोग करने से रोका नहीं जाए।
तृणमूल कांग्रेस ने बार-बार आरोप लगाया है कि उसके उम्मीदवारों को वहां सत्तारूढ़ भाजपा समर्थकों द्वारा प्रचार करने से रोका जा रहा है।

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