केजरीवाल सरकार की ओर से उठाए गए सख्त कदमों के चलते प्रदूषण में काफी सुधार, शर्तों के साथ निर्माण कार्य की दी गई छूट: गोपाल राय

नई दिल्ली, नगर संवाददाता: केजरीवाल सरकार की तरफ से उठाए गए कई सख्त कदमों की वजह से दिल्ली के वायु प्रदूषण में तेजी से सुधार हो रहा है। लिहाजा दिल्ली सरकार ने निर्माण और ध्वस्तीकरण गतिविधियों पर लगे प्रतिबंध को शर्तों के साथ हटा दिया है। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि सभी निर्माण एजेंसियों को 14 बिंदुओं पर जारी दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करना होगा। इस पर 585 टीमें नजर रखेंगी और मानदंडों का उल्लंघन होने पर बिना नोटिस दिए तत्काल काम बंद कराने के साथ ही जुर्माना भी लगाया जाएगा। मेट्रो और बसों में खड़े होकर सफर करने की अनुमति दे दी गई है। मेट्रो में 30 और बसों में 17 लोग खड़े होकर सफर कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए एक हजार प्राइवेट सीएनजी बसें हायर की गई हैं। इन बसों पर पर्यावरण बस सेवा लिखा होगा और लोग डीटीसी की सुविधाओं के साथ सफर कर सकते हैं। लोगों से अपील है कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट का अधिक इस्तेमाल करें, ताकि दिल्ली में अपने सोर्स से होने वाले 31 फीसद प्रदूषण में से वाहनों से होने वाले 50 फीसद प्रदूषण को कम किया जा सके।

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि दिल्ली के अंदर चार नवंबर के बाद से प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा था। कुछ समय तक एयर क्वालिटी इंडेक्स 600 पर पहुंच गया था। दिल्ली के अंदर प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए की गई कार्रवाई और हवा के रूख में बदलाव होने से प्रदूषण के स्तर में लगातार गिरावट देखी जा रही है। कल से प्रदूषण का स्तर तेजी के साथ सुधरना शुरू हुआ है। कल 10 बजे आनंद विहार में एक्यूआर का स्तर 430 था और आज सुबह 329 हो गया है। इसमें लगभग 101 की कमी आई है। अशोक विहार में कल 10 बजे 394 था और आज सुबह 10 बजे 309 हो गया है और करीब 85 अंक की गिरावट आई है। इसी तरह, बवाना में कल 399 था और आज सुबह 10 बजे 330 है और इसमें 69 अंक की गिरावट आई है। मुंडका में कल 406 था और आज 326 हो गया है। लगभग 80 अंक कम हुआ है। ओखला फेस दो में कल 397 था और आज 283 हो गया है। इसमें 114 अंक नीचे गया है। इस तरह दिल्ली के अंदर आज कई जगहों पर एक्यूआई का स्तर लगभग 300 से नीचे जाने का ट्रैंड दिख रहा है और धीरे-धीरे सुधार हो रहा है।

पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि इसे देखते हुए दिल्ली के अंदर निर्माण और ध्वस्तीकरण गतिविधियों पर लगे प्रतिबंध को खोलने का निर्णय लिया गया है। लेकिन निर्माण एजेंसी चाहे वह सरकारी हो या प्राइवेट हो या फिर कोई व्यक्तिगत रूप से कोई निर्माण कार्य करा रहा हो, उस पर निगरानी हम बहुत सख्त रखेंगे। धूल को नियंत्रित करने को लेकर 14 बिंदुओं पर निर्माण एजेंसियों को जारी किए गए दिशा निर्देशों का निर्माण और ध्वस्तीकरण कार्य करने वाले सभी लोगों को सख्ती से पालन करना पड़ेगा। दिल्ली के अंदर 585 निगरानी टीमें बनाई गई हैं। यह टीमें डीपीसीसी, रेवेन्यू और एमसीडी की संयुक्त टीमें हैं, जो पूरे दिल्ली के अंदर निगरानी का काम करेंगी। निर्माण साइट पर टिन की दीवार खड़ा करना, कोई भी निर्माण कार्य हो रहा है, तो धूल मिट्टी को ढंक कर रखना होगा। पानी का छिड़काव करना होगा। 20 हजार वर्ग फीट से अधिक की निर्माण साइट पर स्मॉग गन लगाना होगा। इस तरह सभी 14 बिंदुओं के दिशा निर्देशों का उल्लंघन करते हुए कोई भी निर्माण साइट पाई गई, तो बिना नोटिस जारी किए तत्काल प्रभाव से उसके काम को बंद करा दिया जाएगा। साथ ही, उस पर तत्काल जुर्माना भी लगाया जाएगा। नोटिस भेजने की कार्रवाई बाद में पूरी की जाएगी। चूंकि निर्माण कार्य को बंद करने से मजदूरों को अब दिक्कत होने लगी थी। इसलिए निर्माण गतिविधियों को खोला जा रहा है, लेकिन सरकार की तरफ से सख्त पहरेदारी रहेगी और किसी तरह की कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी।

पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि अभी दिल्ली सरकार के अधीन विभागों के कर्मचारियों का वर्क फ्रॉम होम 26 नवंबर तक जारी रहेगा। दिल्ली के अंदर बाहर से आने वाले आवश्यक सेवाओं को छोड़कर बाकी ट्रकों के प्रवेश पर भी 26 नवंबर तक रोक जारी रहेगी। अभी प्रदूषण के स्तर में थोड़ा सुधार हो रहा है। इसलिए अभी हम इस पर विचार कर रहे हैं कि जो सीएनजी के ट्रक हैं, उनको दिल्ली में प्रवेश की छूट दे सकते हैं। इस पर कल हम अभी इस पर और विचार-विमर्श करेंगे। 24 नवंबर को 12 बजे मैंने सभी विभागों की संयुक्त बैठक बुलाई है। बैठक में इस पर हम दोबारा समीक्षा करेंगे। अगर प्रदूषण में सुधार आगे भी जारी रहता है, तो सीएनजी के ट्रकों को दिल्ली में प्रवेश की छूट देने का निर्णय ले सकते हैं। स्कूल कॉलेज, और इंस्टीट्यूट को भी अभी बंद रखने का निर्णय लिया है। कल की स्थिति का आंकलन करके 24 नवंबर को होने वाली बैठक में विचार विमर्श के बाद इसे भी खोलने पर विचार किया जाएगा। वर्क फ्रॉम होम का भी 24 नवंबर को समीक्षा की जाएगी। अगर प्रदूषण में सुधार जारी रहता है, तो इस पर विचार करके ऑफिस को नियमित रूप से खोलने पर निर्णय लेंगे।

पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि हमने पिछली बैठक में पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ाने का निर्णय लिया था। अभी दिल्ली के अंदर डीटीसी और क्लस्टर्स की बसों में खड़े होकर यात्रा करने की अनुमति दे दी गई है। प्रति बस में 17 लोग खड़े होकर सफर कर सकते हैं। इसी तरह मेट्रो में प्रति कोच 30 लोगों को खड़े होकर सफर करने की अनुमति दी गई है। अभी तक मेट्रो और बसों में सिर्फ बैठ कर सफर करने की अनुमति थी। इससे मेट्रो और बसों में यात्री क्षमता में बृद्धि हो जाएगी। पर्यावरण सेवा के तहत हम एक हजार प्राइवेट सीएनजी बसों को किराए पर लेने का निर्णय लिए थे। यह बसें हायर कर ली गई हैं। मैं दिल्ली के लोगों से अपील करना चाहता हूं कि आमतौर पर आप डीटीसी क्लस्टर की बसें देखकर आप उसे पहचान जाते हैं और उसमें यात्रा करते हैं, लेकिन अब यह एक हजार बसें सड़क पर हैं, उसमें भी आप डीटीसी की सुविधाओं के साथ ही यात्रा कर सकते हैं। उस पर डीटीसी द्वारा पर्यावरण बस सेवा लिखा होगा। जितनी भी प्राइवेट बसों पर पर्यावरण बस सेवा लिखा होगा, उसमें भी सभी लोगा यात्रा कर सकते हैं। पब्लिक ट्रांसपोर्ट की क्षमता हम बढ़ा रहे हैं। हमने पहले भी कहा था कि सीएसई का डेटा विश्लेषण करके जो रिपोर्ट आई है, वो यह कहती है कि दिल्ली के अंदर 31 फीसद प्रदूषण दिल्ली के सोर्स से है और लगभग 69 फीसद प्रदूषण बाहर के सोर्स से है। दिल्ली के अंदर जो 31 फीसद अपने सोर्स से प्रदूषण है, उसमें लगभग 50 फीसद वाहनों का प्रदूषण है। इसलिए सभी से निवेदन है कि सभी लोग अधिक से अधिक पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करेंगे, तो वाहन प्रदूषण को कम करने में आपका भी योगदान हो सकता है। हम दिल्ली के अंदर वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने में दिल्ली वासियों का सहयोग चाहते हैं। इसलिए हम एक हजार प्राइवेट सीएनजी बसें सड़क पर उतार रहे हैं। मेट्रो और बसों की क्षमता को बढ़ाया जा रहा है।

पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने आगे कहा कि पुरानी पेट्रोल और डीजल की गाड़ियों को जब्त करने का अभियान जारी रहेगा। पुलिस और ट्रांसपोर्ट विभाग ने इसे और तेज कर दिया है। पीयूसी सर्टिफिकेट की जांच का अभियान जारी रहेगा। अभी तक करीब इस महीने 4 हजार लोगों को 10-10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जा चुका है। सभी पेट्रोल पंप पर जांच का कार्य चल रहा है। इसलिए सभी लोग पीयूसी सर्टिफिकेट का नवीनीकरण करा लें। पीयूसी सर्टिफिकेट भी जारी किए जा रहे हैं। जिससे कि वाहन प्रदूषण को और नियंत्रित किया जा सके। दिल्ली के अंदर प्रदूषित ईंधन पर चलने वाली इंडस्ट्री पर प्रतिबंध है। हालांकि अधिकतर इंडस्ट्री को पीएनजी पर शिफ्ट किया जा चुका है। फिर अगर कोई प्रदूषित ईंधन पर चलता पाया जाता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। दिल्ली के अंदर पानी के छिड़काव के कार्य में लगे टैंकर की संख्या को बढ़ा दिया गया है। मौजूदा समय में 500 से अधिक टैंकर अलग-अलग विभागों के जरिए पानी के छिड़काव का कर रहे हैं। दिल्ली के 13 हॉटस्पॉट पर फायर ब्रिगेड की गाड़ियां भी पानी का छिड़काव कर रही हैं। इसको जारी रखा जाएगा। दिल्ली में रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ कैंपेन 3 दिसंबर तक जारी रहेगा। उसके बाद इसको लेकर निर्णय लेंगे। हमने 10 बिंदुओं पर एक्शन प्लान की घोषणा की थी, उसमें से अब एक बिंदु निर्माण और ध्वस्तीकरण गतिविधियों पर शर्तों के साथ छूट दी जा रही है।

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